'बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार, जिसने सबसे लंबा ऑन-स्क्रीन किस दिया और तोड़े थे समाज के सारे नियम फिर अचानक एक्टिंग छोड़ दी!
बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार देविका रानी ने सिनेमा में जो छाप छोड़ी, उसे आज भी भुलाया नहीं जा सकता. 1933 की फिल्म 'कर्मा' में उन्होंने सबसे लंबा ऑन-स्क्रीन किस दिया था, जिसने उस दौर में सनसनी मचा दी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर उन्होंने अचानक अभिनय क्यों छोड़ दिया? उनके जीवन की ये कहानी जितनी दिलचस्प है, उतनी ही चौंकाने वाली भी! पढ़िए पूरी खबर और जानिए, कैसे देविका रानी ने भारतीय सिनेमा की परिभाषा बदल दी!

Classic Cinema: बॉलीवुड में जब महिलाओं का पर्दे पर आना भी बड़ी बात थी, तब एक ऐसी अभिनेत्री आई जिसने अपने अभिनय से सबको चौंका दिया. नाम था देविका रानी—भारत की पहली महिला सुपरस्टार. उन्होंने न सिर्फ अपने दौर में सिनेमा को नया आयाम दिया, बल्कि पहला ऑन-स्क्रीन किस देकर भी इतिहास रच दिया.
बचपन से ही थी अलग सोच
देविका रानी का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. जब लड़कियों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी, उन्हें महज 9 साल की उम्र में इंग्लैंड के बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया. वहां पढ़ाई के दौरान उनकी रुचि कला और सिनेमा में बढ़ी.
1928 में उनकी मुलाकात भारतीय फिल्म निर्माता हिमांशु राय से हुई और अगले साल दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद देविका ने हिमांशु की फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया और 'ए थ्रो ऑफ डाइस' (1929) में कॉस्ट्यूम डिजाइन और कला निर्देशन का जिम्मा संभाला.
'कर्मा' से मिली सुपरस्टार की पहचान
देविका रानी और हिमांशु राय की सबसे चर्चित फिल्म 'कर्मा' (1933) थी. यह भारत की पहली साउंड फिल्मों में से एक थी और इसमें हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का भी इस्तेमाल हुआ. लेकिन यह फिल्म अपने लंबे 'किस सीन' की वजह से ज्यादा चर्चा में रही.
यह ऑन-स्क्रीन चार मिनट लंबा लिप-लॉक सीन था, जो उस जमाने के लिए बेहद चौंकाने वाला था. जहां विदेशों में इसे सराहा गया, वहीं भारत में इस पर खूब विवाद हुआ. कई लोगों ने देविका की आलोचना की, तो कई ने उनके साहस की तारीफ की. हालांकि, यह फिल्म भारत में व्यावसायिक रूप से असफल रही और विवादों में फंसकर बैन भी कर दी गई.
सोशल टैबू को किया चैलेंज
देविका रानी का करियर उस दौर में आगे बढ़ा जब फिल्मों में काम करना महिलाओं के लिए आसान नहीं था. उन्हें न सिर्फ एक्ट्रेसेस के लिए बने सामाजिक बंधनों को तोड़ना पड़ा, बल्कि अपनी जगह भी खुद बनानी पड़ी. यही वजह थी कि उन्हें 'भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार' कहा गया.
अचानक क्यों छोड़ दिया सिनेमा?
1940 में उनके पति हिमांशु राय का निधन हो गया. इस दुखद घटना के बाद देविका रानी ने सिनेमा छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने रूसी पेंटर स्वेतोस्लाव रोरिक से शादी की और फिर ग्लैमर की दुनिया से दूर बेंगलुरु में एक साधारण जीवन बिताने लगीं.
सम्मान और विरासत
देविका रानी का योगदान भारतीय सिनेमा में हमेशा याद रखा गया. उन्हें दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री भी दिया. आज बॉलीवुड में ग्लैमर और बोल्डनेस आम बात हो गई है, लेकिन यह सब मुमकिन हुआ उन कलाकारों की वजह से जिन्होंने अपने दौर में साहसिक कदम उठाए. देविका रानी उन्हीं में से एक थीं, जिन्होंने बॉलीवुड में बदलाव की शुरुआत की.

