'मेरे पहले सुपरहीरो मेरे पापा हैं'… फादर्स डे पर टाइगर श्रॉफ ने लिखा पिता जैकी श्रॉफ के लिए भावुक पोस्ट
टाइगर श्रॉफ ने फादर्स डे के मौके पर अपने पिता जैकी श्रॉफ के साथ रिश्ते और उनकी जिंदगी से मिली प्रेरणा को लेकर दिल छू लेने वाली बातें साझा की. उन्होंने कहा कि बचपन से ही जैकी श्रॉफ उनके पहले हीरो और सुपरहीरो रहे हैं. टाइगर ने स्वीकार किया कि करियर की शुरुआत में वो अपने पिता से तुलना को लेकर असहज रहते थे और इसलिए उन्होंने कभी हीरो जैसी फिल्म की रीमेक नहीं की.

बॉलीवुड स्टार टाइगर श्रॉफ ने फादर्स डे के मौके पर अपने पिता जैकी श्रॉफ के साथ रिश्ते, तुलना के दबाव और अपनी अलग पहचान बनाने की जद्दोजहद को लेकर दिल खोलकर बात की है. टाइगर ने बताया कि कैसे उन्होंने बचपन से ही अपने पापा को सुपरहीरो माना और आज भी उन्हें प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत मानते हैं.
टाइगर श्रॉफ के लिए जैकी श्रॉफ सिर्फ एक पिता नहीं, बल्कि एक प्रेरणा, एक आदर्श और एक ऐसे इंसान हैं जिनकी सादगी और स्टारडम का संगम उन्हें हमेशा चौंकाता रहा है. टाइगर मानते हैं कि भले ही उन्होंने अपने दम पर करियर बनाया, लेकिन पिता की छाया हमेशा उनके साथ रही है. कभी गर्व के रूप में तो कभी तुलना के बोझ की तरह.
तुलना से असहज थे टाइगर
टाइगर श्रॉफ मानते हैं कि करियर की शुरुआत में वह अपने पिता की तुलना में बेहद असहज थे. उन्होंने कहा, मुझे अपने पापा से तुलना बिल्कुल पसंद नहीं थी. तुलना किस बात की? मैं तो शर्मीला, गुस्सैल और महिलाओं के सामने बहुत कम आत्मविश्वासी था. मेरे पापा तो सिर्फ एक नज़र से किसी को भी इंप्रेस कर देते थे, मैं तो उनके सामने कुछ भी नहीं था.
टाइगर ने बताया कि वह अपने करियर की शुरुआत में ही इस डर से अपने पिता की सुपरहिट फिल्म हीरो की रीमेक करने से मना कर चुके थे. अगर मैंने करियर की शुरुआत में ही 'हीरो' का रीमेक किया होता तो मेरी तुलना में मेरा करियर वहीं खत्म हो जाता.
बचपन की फिल्मी यादें और पहला सुपरहीरो
जब टाइगर से पूछा गया कि उन्हें अपने पिता की कौन सी फिल्म सबसे ज़्यादा पसंद है, तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया, शिवा का इंसाफ मेरी ऑल-टाइम फेवरेट फिल्म है. बचपन में मैंने इसे न जाने कितनी बार देखा है. हर बेटे का पहला हीरो उसका पिता होता है, और मेरे लिए वो मेरे पहले सुपरहीरो थे.
सुपरमैन और बैटमैन का कॉम्बिनेशन. टाइगर के लिए The Flying Jatt में सुपरहीरो का रोल निभाना उसी बचपन के सपने को जीने जैसा था. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, जब मुझे 'द फ्लाइंग जट्ट' करने का मौका मिला तो वो मेरे बचपन का सपना पूरा हो गया. और सबसे अच्छी बात ये थी कि इस बार पापा से तुलना का कोई खतरा नहीं था, क्योंकि ये एक अलग सुपरहीरो कहानी थी.
पापा के संघर्षों से मिली प्रेरणा
टाइगर ने बताया कि उनके पिता का सफर मुंबई की झोपड़पट्टी से सुपरस्टारडम तक का रहा है और यही उन्हें कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करता है. मेरे पापा चॉल में रहते थे, और आज जहां हैं वो देखकर मैं हमेशा मोटिवेट होता हूं. वो हमेशा मुझे प्रोटेक्ट करते आए हैं और मुझे बेहद खुशहाल बचपन दिया. टाइगर ने यह भी कहा कि वह कभी अपने पिता से करियर को लेकर सलाह नहीं लेते, क्योंकि उनके काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है. वो सब कुछ 'बिंदास' तरीके से करते हैं और मैं वैसा नहीं कर सकता. इसलिए मैंने कभी उनसे करियर एडवाइस नहीं ली.
पिता के लिए सम्मान और लक्ष्य
टाइगर का जीवन लक्ष्य साफ है. अपने परिवार के लिए जीना और उन्हें वही प्यार और सुरक्षा लौटाना जो उन्होंने पाया है.
मेरा जीवन का उद्देश्य है कि मैं अपने परिवार को उतना ही नहीं बल्कि दस गुना ज्यादा प्यार और स्नेह दूं, जितना मुझे मिला है. मैं अपने पापा की बराबरी कभी नहीं कर सकता, लेकिन उम्मीद करता हूं कि एक दिन उन्हें मुझ पर गर्व हो.
एक पिता जो हमेशा 'जैकी दादा' ही रहे
टाइगर को सबसे ज़्यादा इस बात पर गर्व है कि उनके पिता शोहरत के बाद भी बिल्कुल नहीं बदले. वो आज भी वहीं जैकी दादा हैं जिनके स्टाइल और बोलचाल में कोई बदलाव नहीं आया है. सेट पर वो लाइट बॉय और स्पॉट बॉय के साथ बैठकर चिल करते हैं. शायद इसी वजह से उनकी इतनी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है.
टाइगर बताते हैं कि उनके पिता की लोकप्रियता का आज भी मुकाबला करना मुश्किल है, लेकिन अब कुछ बदलाव आने लगे हैं.
अब जब हम बाहर जाते हैं तो 50-50 का मामला हो गया है. हम दोनों में ये मज़ेदार कॉम्पिटीशन चलता है कि किसके पीछे ज़्यादा फैंस भाग रहे हैं. मैं उन्हें कहता हूं, 'डैड, बस एक साल और… फिर सब बदल जाएगा!'
पापा के बिना शूटिंग, लेकिन उनके लिए चिंता
टाइगर ने बताया कि जब वह हीरोपंती की शूटिंग कर रहे थे, उनके पिता सेट पर एक दिन के लिए भी नहीं आए. अगर वो सेट पर आ जाते तो मैं तो वहीं जम जाता. वो मेरी मौजूदगी में मुझे बहुत इन्टिमिडेट करते हैं. हालांकि फिल्म देखने के बाद उनके पापा की प्रतिक्रिया बेहद खास रही. उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा, लेकिन मैं देख सकता था कि वो कितने नर्वस थे. जब तक फिल्म के नंबर नहीं आए, वो ही थे जो रात भर नहीं सो पाए.
परिवार की सादगी और प्यार भरी परवरिश
टाइगर बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता के स्टारडम के बावजूद एक सामान्य बचपन जिया. मेरे माता-पिता ने मुझे आम बच्चों की तरह बड़ा किया. पापा कभी-कभी ओटी में शूट करके आते और रात को मुझसे मिलने लौट आते. ऐसा उन्होंने लगातार 30 दिन तक किया.
दादी की लाइब्रेरी और एक भावुक याद
टाइगर की दादी ने उनके पापा की सारी फिल्में रिकॉर्ड करके रखी थी. हर रात सोने से पहले मैं उनकी कोई न कोई फिल्म देखता था. 'परिंदा' और 'गर्दिश' मेरी फेवरेट हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं जिस साल पैदा हुआ, उसी साल पापा को 'परिंदा' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था. वो मुझे स्टेज पर ले गए थे. एक हाथ में ट्रॉफी और एक में मैं. वो फोटो आज भी हमारे पास है.


