जिसके प्यार में थे पागल उसी ने बर्बाद कर दी जिंदगी! आज भी याद कर बिलखते हैं लोग
बॉलीवुड में अफेयर और लव स्टोरीज़ आम हैं, लेकिन कुछ कहानियां पर्दे से निकलकर दर्दनाक हकीकत बन जाती हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और निर्माता की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद दिलचस्प है. उनको करियर में अपार सफलता मिली लेकिन एक लड़की की वजह से उनकी निजी जिंदगी उथल-पुथल से भरी रही. प्रेम संबंधों ने न केवल उनका जीवन बर्बाद किया, बल्कि उनके परिवार को भी टूटने के कगार पर ला दिया. तो चलिए जानते हैं.

बॉलीवुड की दुनिया में अफेयर और लव स्टोरीज़ आम बात हैं, लेकिन कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो सिनेमा के पर्दे से बाहर निकलकर दर्दनाक हकीकत बन जाती हैं. एक ऐसा ही किस्सा है हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और निर्माता गुरु दत्त का. उनका जीवन जितना शानदार था, निजी जिंदगी उतनी ही उथल-पुथल से भरी हुई थी. उनके प्यार की कहानी ने न सिर्फ उनकी दुनिया उजाड़ दी, बल्कि उनके परिवार को भी बर्बादी के कगार पर ला दिया.
गुरु दत्त ने हिंदी सिनेमा को 'प्यासा', 'कागज़ के फूल' और 'साहिब बीबी और गुलाम' जैसी ऐतिहासिक फिल्में दीं. लेकिन उनकी निजी जिंदगी एक ऐसा दर्द बन गई, जिससे वह कभी उबर नहीं सके. उनकी पत्नी गीता दत्त और अभिनेत्री वहीदा रहमान के बीच पनपे तनाव ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया. आइए जानते हैं इस दर्दनाक प्रेम कहानी की पूरी सच्चाई.
गुरु दत्त: संघर्ष से सुपरस्टार बनने की कहानी
गुरु दत्त का असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. वह बेहद गरीबी में पले-बढ़े थे, लेकिन कला के प्रति उनकी रुचि ने उन्हें सिनेमा की ओर मोड़ दिया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक कोरियोग्राफर के रूप में की और बाद में निर्देशन और अभिनय में भी हाथ आजमाया. उनकी पहली फिल्म ‘हम एक हैं’ बतौर कोरियोग्राफर थी, लेकिन बहुत जल्द ही वह निर्देशन की दुनिया में छा गए.
वहीदा रहमान से प्यार और गीता दत्त का शक
गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच बढ़ती नज़दीकियों की चर्चा फिल्म इंडस्ट्री में आम हो गई थी. उन्होंने वहीदा को पहली बार अपनी फिल्म 'सीआईडी' में काम दिलाया और इसके बाद 'प्यासा' जैसी क्लासिक फिल्मों में उन्हें कास्ट किया. सेट पर दोनों की बढ़ती नजदीकियां किसी से छिपी नहीं थीं, जिससे उनकी पत्नी गीता दत्त काफी परेशान हो गईं.
गीता को जब इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने गुरु दत्त को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एक चाल चली. उन्होंने वहीदा के नाम से एक नकली पत्र भेजा, जिसमें लिखा था, "मैं आपसे बात करना चाहती हूं, सुध-बुध खो चुकी हूं, न जाने आपने क्या कर दिया." जब गुरु दत्त तय जगह पहुंचे, तो वहां गीता दत्त पहले से अपनी दोस्त के साथ मौजूद थीं. इस धोखे से गुरु दत्त बेहद नाराज हो गए और उन पर हाथ तक उठा दिया.
'जब से वहीदा आई, जिंदगी नरक बन गई'
इस घटना के बाद गुरु दत्त और गीता के रिश्ते में खटास बढ़ती गई. गीता दत्त ने खुलेआम वहीदा रहमान को दोषी ठहराया और कहा, "जब से वहीदा हमारी जिंदगी में आई है, तब से हमारी जिंदगी नरक बन गई है." इस झगड़े के बाद दोनों अलग हो गए और गुरु दत्त मानसिक रूप से टूटने लगे.
शराब, सिगरेट और नींद की गोलियों की लत
अपनी निजी जिंदगी की परेशानियों से भागने के लिए गुरु दत्त ने शराब, सिगरेट और नींद की गोलियों का सहारा लेना शुरू कर दिया. वहीदा रहमान ने भी उनसे दूरी बना ली, जिससे वह और ज्यादा अकेले पड़ गए. धीरे-धीरे यह आदतें उनकी तबाही की वजह बन गईं.
गुरु दत्त की रहस्यमयी मौत
9 अक्टूबर 1964 की रात गुरु दत्त अपने दोस्त अबरार अलवी के साथ थे. उन्होंने अपनी पत्नी गीता से बेटी से मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन गीता ने मना कर दिया. इस पर उन्होंने नशे की हालत में कहा, "अगर बेटी को मेरे पास नहीं भेजा, तो मेरा मरा मुंह देखोगी."
अगली दोपहर जब अबरार उनके घर पहुंचे, तो उन्होंने गुरु दत्त को बेहोश पाया. मेज पर एक गिलास पड़ा था, जिसमें गुलाबी रंग का तरल पदार्थ था. डॉक्टर ने पुष्टि की कि उनकी मौत अत्यधिक शराब और नींद की गोलियों के सेवन से हुई. गुरु दत्त का जाना बॉलीवुड के सबसे दर्दनाक अध्यायों में से एक है. उनका अधूरा प्यार, टूटा परिवार और संघर्ष से भरी जिंदगी आज भी लोगों को याद कर भावुक कर देती है.


