ब्रिटेन में कंगना की इमरजेंसी नहीं चलने दे रहे 'खालिस्तानी', सांसद ने की कार्रवाई की मांग
Kangana Ranaut: ब्रिटेन फिल्म के खिलाफ खालिस्तानियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया है, जिससे फिल्म के प्रदर्शन में गंभीर रुकावट आई है. उन्होंने कई सिनेमाघरों में घुसकर प्रदर्शन को बाधित किया और वहां उपस्थित लोगों को धमकाया. इस स्थिति ने फिल्म के रिलीज को प्रभावित किया है और सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया है.

Emergency Film Controversy: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' ब्रिटेन में विवादों का केंद्र बन गई है. खालिस्तानी समर्थकों ने कई सिनेमा हॉल में घुसकर प्रदर्शन रोकने की कोशिश की और धमकियां दीं. इसके चलते फिल्म के प्रदर्शन में बाधा आई और कई सिनेमाघरों ने इसे हटाने का फैसला किया.
खालिस्तानी समर्थकों का सिनेमा हॉल में हंगामा
आपको बता दें कि ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बताया कि उत्तर-पश्चिम लंदन में उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को 'इमरजेंसी' फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान नकाबपोश खालिस्तानी समर्थकों ने धमकाया. यह घटनाएं वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी देखी गईं. ब्लैकमैन ने कहा कि 'व्यू' और 'सिनेवर्ल्ड' जैसे बड़े सिनेमा चेन ने इन घटनाओं के बाद फिल्म को अपने कई थिएटर्स से हटा दिया है. उन्होंने बताया, ''रविवार को मेरे क्षेत्र के कई मतदाता हैरो व्यू सिनेमा में फिल्म देखने गए थे. लेकिन, फिल्म के 30-40 मिनट बाद नकाबपोश खालिस्तानी समर्थक अंदर घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को बंद करवा दिया.''
More footage of the Khalistanis disrupting the movie 'Emergency' which was playing to a packed house at Vue cinema in Harrow on Sunday night https://t.co/cjkyNj6q6T pic.twitter.com/ONHzQwyiiq
— Naomi Canton (@naomi2009) January 21, 2025
इंदिरा गांधी के कार्यकाल पर आधारित है फिल्म
वहीं आपको बता दें कि यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाए गए आपातकाल की कहानी पर आधारित है. ब्लैकमैन ने कहा, ''मैं फिल्म की गुणवत्ता पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा, लेकिन मैं दर्शकों के फिल्म देखने के अधिकार का समर्थन करता हूं. सेंसर द्वारा पास की गई फिल्म को देखने का सबको अधिकार है.''
सांसद ने मांगी गृह मंत्री से कार्रवाई
इसके अलावा आपको बता दें कि ब्रिटिश संसद में ब्लैकमैन ने गृह मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा कि दर्शकों को फिल्म देखने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ''प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन फिल्म को दिखाए जाने में बाधा डालना गलत है. इस पर रोक लगाई जानी चाहिए.''


