कौन थे राज सिंह डूंगरपुर? जिनके प्यार में थीं लता मंगेशकर... फिर क्यों अधूरी रह गई दोनों की प्रेम कहानी
लता मंगेशकर ने अपनी ज़िंदगी में एक ऐसा कदम उठाया जो आज भी रहस्य बना हुआ है. उनका अविवाहित रहना और एक अधूरी प्रेम कहानी, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं.

भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने ना केवल अपनी आवाज से लाखों दिलों को छुआ है, बल्कि अपनी ज़िंदगी के कुछ बेहद निजी पहलुओं को भी सुर्खियों में रखा है. हालांकि उनकी प्रोफेशनल लाइफ में अनगिनत पुरस्कार, सम्मान और उपलब्धियां हैं, लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी ने कई रहस्यों को जन्म दिया. लता मंगेशकर का अविवाहित रहना और उस फैसले के पीछे छिपी अधूरी प्रेम कहानी आज भी एक जिज्ञासा बनी हुई है.
आज हम लता मंगेशकर की शादी ना करने के पीछे की एक दिलचस्प कहानी साझा करेंगे, जिसमें एक सच्चा और अधूरा प्रेम समाहित है. उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया था, जहां वे किसी से शादी करने की सोच रही थीं, लेकिन उनका प्रेम और सपना अधूरा रह गया.
लता मंगेशकर के शादी ना करने के कारण
लता मंगेशकर ने कभी शादी नहीं की और इसके पीछे दो मुख्य कारण रहे. पहले कारण के रूप में, उन्होंने बचपन से ही अपने भाई-बहनों की देखभाल की थी. उनके परिवार की जिम्मेदारी में, वे अपने निजी जीवन के बारे में सोचना भूल गईं. जब वे शादी के बारे में सोचने लगीं, तो उनकी नियति ने कुछ ऐसा मोड़ लिया, जिससे उनका सपना अधूरा रह गया.
राज सिंह डूंगरपुर और लता मंगेशकर का प्यार
लता मंगेशकर और दिवंगत क्रिकेटर राज सिंह डूंगरपुर के बीच सच्चा प्रेम था. दोनों के बीच दोस्ती के बाद एक गहरी समझ और स्नेह विकसित हुआ था. डूंगरपुर, जो राजस्थान के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे, लता को 'मिट्ठू' कहकर पुकारते थे. ये प्रेम कहानी धीरे-धीरे एक गहरी दोस्ती में बदल गई.
शादी का विचार और महारावल का विरोध
लता मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर दोनों ही शादी करने का विचार कर रहे थे, लेकिन जब राज सिंह ने अपने माता-पिता से इस बारे में बात की, तो उनके पिता, महारावल लक्ष्मण सिंह जी ने इस विचार का विरोध किया. उनके अनुसार, लता मंगेशकर का संबंध किसी राजघराने से नहीं था और वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा एक आम लड़की से शादी करे.
सपनों का टूटना और एक बड़ा फैसला
महारावल लक्ष्मण सिंह जी का ये दृढ़ निर्णय राज सिंह और लता मंगेशकर के सपनों को चकनाचूर कर दिया. अपने पिता के प्रति सम्मान और प्यार को देखते हुए, राज सिंह ने अपने माता-पिता के फैसले को स्वीकार किया. हालांकि, उन्होंने ये कसम खा ली थी कि अब वो कभी शादी नहीं करेंगे. इस कड़ी के बाद, दोनों ने शादी तो नहीं की, लेकिन उनके बीच दोस्ती का रिश्ता जीवनभर कायम रहा.


