'भारत को बांटने की साजिश रची गई...' पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया विजयोत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को सेना के शौर्य और देश की एकता का प्रतीक बताया. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए सेना को खुली छूट देने की बात कही. 6 मई को 22 मिनट में सटीक जवाब देकर भारत ने आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार किया और इसे "विजयोत्सव" बताया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की वीरता और देश की एकजुटता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में देश के 140 करोड़ नागरिकों ने जिस प्रकार सरकार और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होकर समर्थन दिया, वह भारत की लोकतांत्रिक ताकत और राष्ट्रभक्ति का जीता-जागता उदाहरण है. उन्होंने कहा, “देश की जनता का मुझ पर जो विश्वास है, वह मेरे लिए कर्ज के समान है और मैं उनके इस सहयोग के लिए हृदय से आभारी हूं.”
22 अप्रैल की क्रूर घटना का ज़िक्र
प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए इसे मानवता के खिलाफ घृणित अपराध बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों पर गोलियां चलाईं, जिसका उद्देश्य देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना था. प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत को बांटने की साजिश रची गई थी, लेकिन देशवासियों ने एकजुट होकर इसे असफल कर दिया.”
सेना को मिली खुली छूट
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल की घटना के बाद वे विदेश यात्रा से तुरंत लौटे और उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया. उस बैठक में उन्होंने साफ निर्देश दिए कि आतंकवादियों को कठोरतम जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा, “सेना को कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी गई कब, कहां और कैसे यह तय करने का अधिकार पूरी तरह सेना को सौंपा गया.” प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत की सैन्य शक्ति पर उन्हें पूरा भरोसा है और सेना ने यह साबित भी किया कि वे देश की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर तैयार हैं.
तेज़ और सटीक जवाब की रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने पहली बार ऐसी रणनीति अपनाई, जिसमें आतंकी ठिकानों को सीधे लक्ष्य बनाकर 22 मिनट के भीतर जवाबी कार्रवाई की गई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस बात की भनक पहले ही लग गई थी और वहीं से परमाणु धमकियों का सिलसिला शुरू हुआ. “लेकिन भारत डरा नहीं, झुका नहीं और सेना ने 6 मई की रात को आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया कि आज भी उनके आकाओं की नींद उड़ी हुई है.”
यह विजयोत्सव भारतीय सेना को समर्पित
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद सत्र की शुरुआत में इसे “भारत का विजयोत्सव” कहा था और वह विजयोत्सव भारतीय सेना के साहस, पराक्रम और त्याग को समर्पित है. उन्होंने कहा, “यह हमारी सेना की बहादुरी का पर्व है, जिन्होंने भारत की सुरक्षा में अपना सब कुछ झोंक दिया. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की रक्षा नीति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.”


