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'चुनाव हारने के बाद कांग्रेस खुद को विक्टिम बता रही है', राहुल के मैच फिक्सिंग के दावों केंद्रीय मंत्री का पलटवार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के चुनाव धांधली के आरोपों को कांग्रेस की हार के बाद दोहराई जाने वाली "कल्पित स्क्रिप्ट" बताया. प्रधान ने कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाए, जबकि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र और संभावित बिहार चुनाव में भाजपा पर सुनियोजित गड़बड़ी के आरोप लगाए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ताज़ा आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी. राहुल गांधी ने अपने एक लेख में महाराष्ट्र चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर धांधली और लोकतंत्र को कमजोर करने के आरोप लगाए थे. प्रधान ने इसे कांग्रेस की "पूर्वानुमेय स्क्रिप्ट" करार दिया, जिसे पार्टी चुनाव हारने के बाद दोहराती रही है.

'काल्पनिक शिकार' वाली सोच

प्रधान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी का आरोपित लेख एक सटीक ढांचा दर्शाता है, जिसे कांग्रेस हर चुनावी पराजय के बाद अपनाती है: पहले हार स्वीकार न करना, फिर संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना, एक साजिश रचने का दावा करना और अंत में खुद को एक काल्पनिक षड्यंत्र का शिकार बताना. उन्होंने आगे लिखा, “भारत का लोकतंत्र इतनी नाजुक स्थिति में नहीं है कि वह किसी वंशवादी नेता की असुरक्षा के आगे झुक जाए, जो बार-बार जनता के जनादेश को नकारता है.”

सवालों के घेरे में कांग्रेस का इतिहास

प्रधान ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को चुनावी धांधली पर टिप्पणी करने से पहले अपनी पार्टी के अतीत को देखना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक लोकतंत्र का गला घोंटा है—चाहे वह आपातकाल का समय हो या अनुच्छेद 356 का 90 बार से अधिक दुरुपयोग कर राज्य सरकारों को गिराना.

चुनाव आयोग में पारदर्शिता मोदी सरकार की देन: प्रधान

प्रधान ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी की भी याद दिलाई जो उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारतीय लोकतंत्र मर चुका है.” इस पर तंज कसते हुए प्रधान बोले कि वही नेता आज़ादी से चुनाव लड़ते हैं, प्रचार करते हैं, लेकिन हारने पर ईवीएम को दोषी ठहराते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार ने ही चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया है, जिसमें अब विपक्ष के नेता को भी शामिल किया जाता है—जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कभी नहीं हुआ.

‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप सिर्फ निराशा की उपज: प्रधान
प्रधान ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैच फिक्सिंग तब नहीं होती जब आप चुनाव हार जाते हैं, बल्कि तब होती है जब आप अंपायर पर सवाल उठाकर लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश करते हैं.”

राहुल गांधी के आरोप

दूसरी ओर, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाजपा और एनडीए ने चुनावों में जीतने के लिए एक सुनियोजित योजना अपनाई. उन्होंने पांच चरण बताए 

1. चुनाव आयोग में अपने पक्ष में नियुक्तियां
2. फर्जी नामों को वोटर लिस्ट में जोड़ना
3. मतदान प्रतिशत कृत्रिम रूप से बढ़ाना
4. भाजपा-लाभ वाले क्षेत्रों में फर्जी वोट डालना
5. सभी साक्ष्यों को छिपाना

राहुल ने चेताया कि यही रणनीति बिहार विधानसभा चुनावों में भी दोहराई जाएगी.

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07 June 2025, 05:03 PM IST

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