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'सैन्य कार्रवाई नहीं, आतंक के खिलाफ लड़ाई है ऑपरेशन सिंदूर' भारत का दुनिया को संदेश

भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई की जानकारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और प्रमुख वैश्विक देशों को दी है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह ऑपरेशन आत्मरक्षा में और आतंकी संगठनों जैश, लश्कर व हिजबुल के खिलाफ था. भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्रवाई सटीक, सीमित और प्रमाण-आधारित थी. साथ ही, पाकिस्तान की सेना और प्रशासन की आतंकवाद में संलिप्तता को भी उजागर किया गया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में वैश्विक मंचों और प्रमुख देशों को औपचारिक रूप से जानकारी दी है. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी संगठनों के कई ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था. अब विदेश मंत्रालय इस सैन्य कदम को वैश्विक स्तर पर उचित ठहराने और समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपी गई रिपोर्ट

भारतीय विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों को ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य, लक्ष्य और नतीजों की विस्तृत जानकारी दी है. यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह स्पष्ट रूप से बताया जा सके कि भारत की यह कार्रवाई आत्मरक्षा के अधिकार और सीमा पार से आ रहे आतंकवाद के विरुद्ध थी.

भारत ने यह भी रेखांकित किया कि यह ऑपरेशन किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध किया गया है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक साझा खतरा बना हुआ है.

प्रमुख वैश्विक राजनयिकों से संपर्क

विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन जैसे UNSC के स्थायी सदस्य देशों के साथ-साथ कई अन्य प्रभावशाली देशों के राजनयिकों को भी ऑपरेशन की पृष्ठभूमि और परिणामों की जानकारी दी. भारत ने इन देशों को बताया कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों के ट्रेनिंग कैंप्स और लॉजिस्टिक हब्स को निशाना बनाना आवश्यक था, क्योंकि वे भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए थे.

सटीक और सीमित कार्रवाई की जानकारी दी गई

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अत्यंत सटीक, सीमित और लक्ष्य-विशेष पर केंद्रित सैन्य कार्रवाई थी. इसका उद्देश्य आम नागरिकों को कोई नुकसान पहुंचाना नहीं था. यह बात भी प्रमुखता से कही गई कि कार्रवाई के पहले भारत के पास खुफिया एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए ठोस प्रमाण थे, जिनसे इन आतंकी ठिकानों की सक्रियता की पुष्टि हुई थी.

पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया गया

भारत ने अपने कूटनीतिक संवादों में इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि पाकिस्तान की सेना और प्रशासनिक तंत्र कई आतंकवादी संगठनों के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है. हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो का उल्लेख करते हुए, भारत ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी के जनाजे में पाकिस्तान के सेना अधिकारी और पुलिसकर्मी खुले तौर पर शामिल हुए, जो इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह दे रहा है.

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07 May 2025, 08:12 PM IST

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