आतंकी हमले से ठीक पहले हटाया गया 'पाक जासूस' जवान गिरफ्तार, पहलगाम से लिंक की जांच तेज!
मोती राम जाट 2023 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में था और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी उन्हें सौंप रहा था. वह जासूसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया.

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी जवान मोती राम जाट को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से एक आतंकवादी हमले से छह दिन पहले ही स्थानांतरित किया गया था. यह हमला पहलगाम में हुआ था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें से अधिकतर हिंदू श्रद्धालु थे.
दिल्ली से गिरफ्तार
आरोपी मोती राम जाट, जो सहायक उपनिरीक्षक (ASI) के पद पर कार्यरत था. पहले CRPF की 116वीं बटालियन में तैनात था. जांच एजेंसी एनआईए (NIA) ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि 2023 से जाट पैसे के बदले पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील सूचनाएं दे रहा था.
एनआईए का कहना है कि आरोपी ने भारतीय सुरक्षाबलों की ऑपरेशनल जानकारी, मूवमेंट पैटर्न और अहम सैन्य ठिकानों की लोकेशन पाक एजेंसियों के साथ साझा की. यह जानकारी सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील थी और देश की रक्षा व्यवस्था को गंभीर खतरे में डाल सकती थी.
सेवा से बर्खास्त मोती राम
गिरफ्तारी के बाद CRPF ने मोती राम को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. बल ने एक बयान में कहा कि जवान की सोशल मीडिया गतिविधियां संदिग्ध थीं और यह CRPF के आचरण नियमों का उल्लंघन था. इसी आधार पर उसे 21 मई 2025 से सेवा से निष्कासित कर दिया गया.
जाट को एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 6 जून तक NIA की हिरासत में भेज दिया गया है. एजेंसी उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि वह जासूसी नेटवर्क में कितनी गहराई तक शामिल था और उसका संबंध हालिया पहलगाम हमले से है या नहीं.
पाकिस्तानी नेटवर्क की सक्रियता
पिछले दो हफ्तों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी 13 लोगों को इसी तरह के जासूसी मामलों में गिरफ्तार किया गया है, जिससे उत्तर भारत में पाकिस्तानी नेटवर्क की सक्रियता का संकेत मिलता है.


