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'पाकिस्तान किसी भ्रम में न रहे, अब कार्रवाई होगी', फारूक अब्दुल्ला का कड़ा संदेश

फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताते हुए कहा कि मासूम लोगों की जान जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. पाकिस्तान को समझना चाहिए कि उसने मानवता की हत्या की है. अगर उसे लगता है कि कश्मीरी उसका साथ देंगे, तो यह सिर्फ एक खतरनाक भ्रम है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत अब पहलगाम आतंकी हमले का पाकिस्तान को जोरदार जवाब देगा. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि आतंक फैलाकर वह जम्मू-कश्मीर को हासिल कर लेगा. उन्होंने कहा कि वे हमेशा बातचीत के पक्ष में रहे हैं, लेकिन अब सवाल ये है कि हम आतंकवाद के शिकार हुए परिवारों को क्या जवाब देंगे? क्या यही न्याय है?

“मैं बातचीत चाहता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं”

जब फारूक अब्दुल्ला से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान के साथ बातचीत होनी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि अब भारत को ऐसी सख्त प्रतिक्रिया देनी चाहिए कि आगे फिर कभी जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटना न हो. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक जैसा जवाब नहीं होना चाहिए, बल्कि कुछ ऐसा होना चाहिए जो स्थायी असर डाले.

“पाकिस्तान ने इंसानियत को मार डाला”

उन्होंने कहा कि हम इस हमले में लोगों की जान जाने से बहुत दुखी हैं. पाकिस्तान ने इंसानियत की हत्या की है. अगर उन्हें लगता है कि कश्मीरी लोग उनका साथ देंगे, तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल है.

सज्जाद लोन: अब हिंसा नहीं सहेंगे कश्मीरी लोग

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने भी इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हमला कश्मीर के लोगों के लिए एक चेतावनी है, और अब वे हिंसा को और बर्दाश्त नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भी इस हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. लोन ने कहा कि अब जरूरत है कि लोगों को डराने की जगह उन्हें सकारात्मक तरीके से साथ लिया जाए.

“हमले से एक पूरी पीढ़ी को नुकसान”

सज्जाद लोन ने कहा कि कश्मीर के कई लोग पर्यटन से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं. यह आतंकी हमला उनकी जिंदगी को तबाह करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि अब लोग हिंसा को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. पहले समाज में कुछ लोग हिंसा को सही मानते थे, लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है.

लोन के पिता की भी हुई थी हत्या

सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन, जो हुर्रियत नेता थे, उनकी भी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. सज्जाद लोन ने कहा कि अब कश्मीरी समाज बदल रहा है. पहलगाम हमले के बाद हर गली-मोहल्ले में लोग हिंसा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कश्मीर में हिंसा की सामाजिक स्वीकार्यता के अंत की शुरुआत है.

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29 April 2025, 07:32 AM IST

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