'बंगाल में मची चीख पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार', मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर पीएम मोदी का ममता बनर्जी पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हिंसा और अराजकता के मुद्दे पर तीखा हमला किया. उन्होंने मुर्शिदाबाद और मालदा की घटनाओं को तृणमूल सरकार की उदासीनता और ‘निर्ममता’ का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने कानून व्यवस्था की विफलता, तुष्टिकरण की राजनीति और न्यायपालिका पर जनता की निर्भरता को रेखांकित किया. साथ ही उन्होंने बंगाल में बदलाव की जरूरत बताते हुए कहा कि राज्य की जनता अब लोकतांत्रिक और संवेदनशील शासन चाहती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने मुर्शिदाबाद और मालदा में हाल ही में हुई हिंसा को राज्य सरकार की "निर्दयता और उदासीनता" का परिणाम बताया. अलीपुरद्वार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की आम जनता अब न्याय के लिए केवल अदालत की ओर देख रही है, क्योंकि सरकार से उनका भरोसा उठ चुका है.
'निर्ममता' शब्द से ममता पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में ममता बनर्जी के नाम पर कटाक्ष करते हुए ‘निर्ममता’ शब्द का प्रयोग किया, जिसका हिन्दी में अर्थ है क्रूरता. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है और आम नागरिकों की परेशानियों को नजरअंदाज कर रही है. मुर्शिदाबाद और मालदा में हुई घटनाएं इस विफलता का प्रमाण हैं.
सांप्रदायिक हिंसा पर रिपोर्ट से बढ़ी मुश्किलें
पीएम मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की जब कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए एक विधायक और एक पार्षद सहित स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बंगाल पुलिस हिंसा के समय निष्क्रिय रही, जिससे स्थिति और बिगड़ गई.
राजनीति में तुष्टिकरण का आरोप
प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार समाज के एक वर्ग को संतुष्ट करने की राजनीति में लिप्त है, जबकि बहुसंख्यक समाज की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है. भाजपा इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनावों में प्रमुखता से उठाने की तैयारी कर रही है.
विकास बनाम अराजकता की तुलना
पीएम मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि एक ओर केंद्र सरकार देशभर में विकास परियोजनाओं को गति दे रही है, तो दूसरी ओर बंगाल में अराजकता, हिंसा और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है. उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता अब बदलाव चाहती है और यह बदलाव न्याय, सुरक्षा और विकास की दिशा में होगा.
‘हमें निर्दयी सरकार नहीं चाहिए’
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बंगाल की जनता अब यह कह रही है कि हमें निर्दयी सरकार नहीं चाहिए. लोगों ने अब यह ठान लिया है कि वे सिर्फ लोकतांत्रिक और संवेदनशील शासन को स्वीकार करेंगे.” यह बयान उन्होंने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को दर्शाने के लिए दिया.


