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कौन हैं आधे अमेरिका का मालिक Larry Fink, मुकेश अंबानी से क्या है कनेक्शन?

Larry Fink: दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में एंट्री कर ली है. यह एंट्री किसी और के साथ नहीं, बल्कि मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ साझेदारी के जरिए हुई है. इस गठबंधन के पीछे एक बेहद असरदार नाम है लैरी फिंक, जो ब्लैकरॉक के चेयरमैन और सीईओ हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Larry Fink: दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक अब भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में कदम रख चुकी है. खास बात यह है कि यह एंट्री भारत के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ साझेदारी के जरिए हुई है. इस गठबंधन से भारत में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है.

ब्लैकरॉक की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2025 तक इसके पास 11.6 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है. यह आंकड़ा कई देशों की जीडीपी से कहीं अधिक है. अमेरिका की जीडीपी जहां 30 ट्रिलियन डॉलर है, वहीं ब्लैकरॉक के पास अकेले उसके आधे से भी ज्यादा की संपत्ति है. इस विशाल साम्राज्य को संभालने वाले व्यक्ति हैं लैरी फिंक एक ऐसा नाम जो वैश्विक निवेश की दुनिया में बेहद प्रभावशाली माना जाता है.

कौन हैं लैरी फिंक?

लैरी फिंक, ब्लैकरॉक के चेयरमैन और सीईओ हैं. वह न केवल कंपनी का संचालन करते हैं, बल्कि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स में इसकी रणनीतियों को भी तय करते हैं. उनकी अगुवाई में ब्लैकरॉक ने दुनियाभर की बड़ी-बड़ी कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें भारत और अमेरिका की शीर्ष कंपनियां शामिल हैं.

अरबपति नहीं, फिर भी सबसे प्रभावशाली क्यों?

हालांकि लैरी फिंक की देखरेख में ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है, फिर भी उनका नाम दुनिया के अरबपति कारोबारियों में नहीं आता. इसकी वजह यह है कि उनके पास जो संपत्ति है, वह उनकी निजी संपत्ति नहीं बल्कि निवेशकों की पूंजी है. यह पैसा म्यूचुअल फंड्स और अन्य निवेश माध्यमों से आम जनता द्वारा ब्लैकरॉक में निवेश किया गया है.

क्या होता है एसेट मैनेजमेंट बिजनेस?

एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) ऐसी वित्तीय संस्थाएं होती हैं जो म्यूचुअल फंड, इक्विटी, डेट और अन्य निवेश साधनों के माध्यम से क्लाइंट्स की पूंजी को प्रबंधित करती हैं. इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिलाना होता है. ब्लैकरॉक, इस क्षेत्र में सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली कंपनी मानी जाती है, जिसका असर वैश्विक शेयर बाजारों पर भी देखा जाता है.

7 दोस्तों से शुरू की थी ब्लैकरॉक

लैरी फिंक ने 1988 में अपने सात साथियों के साथ मिलकर ब्लैकरॉक की नींव रखी थी. उन्होंने इस कंपनी को अपने नेतृत्व में महज 37 सालों में विश्व की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म बना दिया. आज ब्लैकरॉक के पास दुनिया की हर प्रमुख कंपनी में हिस्सेदारी है, जो इसकी व्यापक पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है.

अंबानी से साझेदारी का मतलब

ब्लैकरॉक और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के बीच साझेदारी भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में बड़ा बदलाव ला सकती है. यह गठबंधन देश के खुदरा निवेशकों के लिए नई संभावनाओं और बेहतर विकल्पों के दरवाजे खोलता है. साथ ही, यह वैश्विक निवेश की तकनीकों और अनुभव को भारतीय बाजार में लाने का एक जरिया भी है.

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29 May 2025, 03:30 PM IST

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