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'पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और PoK पर बात होगी', पीएम मोदी का दुनिया को संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद और POK पर बातचीत करेगा. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने 9 आतंकी शिविरों पर हमला कर 100+ आतंकियों को मार गिराया. मोदी ने सिंधु जल संधि, कश्मीर मुद्दा, ड्रोन हमले, और भारत की कूटनीति पर सख्त रुख अपनाया. पाकिस्तान के मिसाइल हमलों के जवाब में भारत ने सैन्य कार्रवाई की. अस्थायी सीजफायर के बाद भी भारत सतर्क है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति को स्पष्ट किया. उन्होंने दो टूक कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत केवल दो मुद्दों आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर ही हो सकती है. यह बयान 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बाद आया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था.

आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा, "आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते. आतंकवाद और व्यापार भी एक साथ नहीं हो सकते. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भी बताया कि भारत की नीति हमेशा से स्पष्ट रही है, संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा.

सिंधु जल संधि पर भारत का सख्त रुख

मोदी के बयान से यह संकेत मिला कि भारत सिंधु जल संधि को लेकर भी अब नरम रुख अपनाने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान भारतीय सैनिकों और नागरिकों के खून से देश को लहूलुहान करता है, तो भारत ऐसे देश को बहते जल की सुविधा नहीं दे सकता.

अमेरिकी मध्यस्थता का किया खंडन

यह घटनाक्रम उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की अपील की थी और कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. भारत ने इस पर साफ किया कि कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक विषय है और भारत को किसी भी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है.

आतंकी शिविरों पर निर्णायक प्रहार

7 मई को भारत ने एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन 'ऑपरेशन सिंदूर' चालू करते हुए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया. इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया. यह 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान पर किया गया सबसे बड़ा हवाई हमला था.

भारत की जवाबी कार्रवाई

भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू किए. भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को विफल कर दिया और कई शहरों में अलर्ट जारी किया गया. इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों पर सटीक हमला किया, जिनमें रफीकी, रहीम यार खान, सुक्कुर और सियालकोट जैसे प्रमुख ठिकाने शामिल हैं.

अस्थायी शांति, सतर्कता जारी

तनाव के इस चरम पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच संपर्क हुआ, जिसके बाद अस्थायी युद्धविराम पर सहमति बनी. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध पर ही विराम पर विचार किया, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है. भारत की नजर पाकिस्तान की हर हरकत पर बनी रहेगी और भविष्य की नीति पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगी.

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12 May 2025, 09:16 PM IST

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