'पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता', सीजफायर के बाद सिंधु जल समझौते पर पीएम मोदी ने फिर दोहराई बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि शांति का मार्ग केवल आतंकवाद के खात्मे से ही संभव है. यह केवल युद्धविराम है, संघर्ष अभी जारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत के सख्त रुख को दोहराया. उन्होंने स्पष्ट किया कि “आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते.” यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया, जिसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी. इस ऑपरेशन के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया और युद्ध जैसे हालात बन गए.
पानी और खून साथ नहीं बह सकते
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सिंधु जल संधि पर भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते." भारत ने इस संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले जल के प्रवाह को रोकने का निर्णय लिया है. यह संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी और पहली बार भारत ने इसके क्रियान्वयन को औपचारिक रूप से स्थगित किया है. मोदी ने इसे भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया, जो आतंकी हमलों के जवाब में अपनाई गई है.
बातचीत का विषय सिर्फ आतंकवाद और पीओके: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ भविष्य में होने वाली किसी भी बातचीत की शर्त स्पष्ट करते हुए कहा कि बातचीत केवल दो मुद्दों पर होगी – आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी. उन्होंने दोहराया, “भारत का रुख स्पष्ट है – आतंकवाद, व्यापार और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते.”
आतंक के समर्थकों पर भारत का दो-टूक रुख
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की सरकार और सेना पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों के बीच कोई अंतर नहीं करता. मोदी ने आगाह किया कि यदि पाकिस्तान अपने आतंकी ढांचे को समाप्त नहीं करता, तो वह स्वयं अपने विनाश का कारण बनेगा. उन्होंने कहा, "शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है."
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का निर्णायक प्रहार
7 मई को भारत ने एक अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया. इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के अड्डों को ध्वस्त किया गया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया. यह हमला 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान की धरती पर किया गया सबसे बड़ा सैन्य अभियान था.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब
भारत की कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए. इसके बाद भारत ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन जैसे सैन्य अड्डों पर जवाबी हमले कर पाकिस्तान को करारा संदेश दिया.
अस्थायी विराम, संघर्ष अभी बाकी: मोदी
पाकिस्तान के DGMO द्वारा संपर्क किए जाने के बाद दोनों देशों में लड़ाई रोकने पर सहमति बनी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने संघर्ष विराम पर केवल तब विचार किया जब पाकिस्तान ने हमले रोकने का वादा किया. हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह सिर्फ "अस्थायी विराम" है और संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है.


