अहमदाबाद विमान हादसे में 265 की मौत, पिघल गए शरीर, पहचान मुश्किल
एयर इंडिया के अनुसार, गुरुवार को अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा इस शहर की दूसरी बड़ी त्रासदी है. इससे पहले 19 अक्टूबर 1988 को इंडियन एयरलाइंस का एक विमान इसी एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 130 लोगों की जान गई थी. अब यह हादसा और भी भयावह बन गया.

गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान टेक-ऑफ के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान सिविल अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के पास रिहायशी परिसर में क्रैश हुआ. हादसे में कम से कम 265 लोगों की मौत हुई, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और चार एमबीबीएस छात्र भी शामिल हैं. प्लेन में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें दो पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे. एकमात्र यात्री रमेश विश्वाश इस भयावह त्रासदी में जीवित बच पाया है.
प्लेन में मौजूद 230 यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक थे. नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) जांच कर रहा है और सरकार एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर एयर सेफ्टी मजबूत करने की दिशा में काम करेगी.
अहमदाबाद विमान हादसे में 265 की मौत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश किंग चार्ल्स तृतीय और पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश के नेताओं ने हादसे पर गहरा शोक जताया. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत को हर संभव मदद देने को तैयार है. वहीं पीएम मोदी ने इसे एक "हृदयविदारक त्रासदी" बताया और पीड़ितों के परिजनों के लिए संवेदना व्यक्त की.
लंदन जा रहा था एयर इंडिया का प्लेन
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्लेन में 1.25 लाख लीटर फ्यूल था, जिससे आग इतनी भयानक थी कि लोगों को बचाने की कोई संभावना नहीं रही. हालांकि, रमेश नाम का यात्री जीवित बचा, जिसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. फॉरेंसिक जांच के लिए मृतकों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं.
सरकार बनाएगी हाई लेवल जांच कमेटी
प्लेन क्रैश के दौरान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत पर भी मलबा गिरा, जिससे कई छात्र घायल हुए. हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान डीएनए रिपोर्ट के बाद ही तय की जाएगी. डीजीसीए ने पुष्टि की है कि टेक-ऑफ के बाद पायलट ने 'मेडे' कॉल दी थी, लेकिन कुछ ही सेकंड में संपर्क टूट गया.
विमान सुरक्षा के नियमों की होगी समीक्षा
यह हादसा भारत के इतिहास में दूसरी सबसे भीषण विमान दुर्घटना है. एयर इंडिया चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने घटना पर गहरा दुख जताया है और हॉटलाइन नंबर जारी कर परिजनों को जानकारी दी जा रही है. सरकार की प्राथमिकता अब राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज़ करने की है, जबकि देश इस गहरे सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है.


