सलाम है ऐसे जूनून को... 6 साल के 'मोहब्बत' का कमाल, 29 दिन में दौड़कर पहुंचा अयोध्या
फाजिल्का के 6 साल के मोहब्बत ने अपनी कड़ी मेहनत से अबोहर से अयोध्या तक दौड़कर एक अनोखी उपलब्धि हासिल की. उसने 29 दिन में 800 किलोमीटर का सफर तय किया और श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में माथा टेका. इस अद्भुत कारनामे के बाद एसएसपी ने मोहब्बत को सम्मानित किया और उसकी प्रेरणादायक यात्रा को सराहा. अब मोहब्बत को फाजिल्का में होने वाली खेल प्रतियोगिता में खास अतिथि के रूप में बुलाया गया है. कौन है ये बच्चा जिसने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है? जानने के लिए पूरी कहानी पढ़ें!

Inspirable Story: फाजिल्का जिले के एक छोटे से गांव किलियांवाली में रहने वाला 6 साल का बच्चा मोहब्बत ने अपनी अनोखी मेहनत और जुनून से सबको हैरान कर दिया है. उसने सिर्फ 29 दिन में अबोहर से अयोध्या तक दौड़ कर एक शानदार उपलब्धि हासिल की. यह सफर न सिर्फ मोहब्बत के लिए, बल्कि पूरे फाजिल्का जिले और समाज के लिए गर्व की बात बन गया है.
मोहब्बत ने अपनी यात्रा 14 दिसंबर 2024 को अबोहर से शुरू की और 11 जनवरी 2025 को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में माथा टेका. यह बच्चा अपनी उम्र से कहीं ज्यादा साहस और समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा. अपनी यात्रा के दौरान उसने कड़ी धूप, कठिन रास्तों और शारीरिक थकावट का सामना करते हुए ये मंजिल तय की.
एसएसपी ने की मोहब्बत की सराहना
मोहब्बत की इस उपलब्धि को देखते हुए फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ ने उसे सम्मानित किया. उन्होंने मोहब्बत के परिवार की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल जिले के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है. एसएसपी ने इस छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी सफलता पाने के लिए मोहब्बत और उसके माता-पिता को शुभकामनाएं दीं.
एसएसपी ने आगे यह भी कहा कि जिला पुलिस विभाग ऐसे बच्चों और परिवारों का पूरा सहयोग करेगा, ताकि उनकी प्रतिभाओं को सही दिशा और प्लेटफार्म मिले.
मोहब्बत को मिलेगा सम्मान और प्रेरणा देने का मौका
इसके बाद मोहब्बत को 10 फरवरी को फाजिल्का में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. यहां उसकी प्रेरक कहानी को सभी के सामने लाया जाएगा, ताकि दूसरे लोग भी उसकी तरह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और संघर्ष करें.
इस सम्मान समारोह में एसपी प्रदीप सिंह संधू भी मौजूद रहे और मोहब्बत को प्रोत्साहित किया.
मोहब्बत की कहानी
मोहब्बत ने इस यात्रा से सिर्फ एक लंबा रास्ता तय नहीं किया, बल्कि उसने यह साबित किया कि अगर मन में लगन हो और सपने बड़े हों, तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती. उसकी कहानी उन सभी बच्चों के लिए एक मिसाल बन गई है, जो अपने सपनों को हासिल करने के लिए मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते. क्या आप भी मोहब्बत की तरह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगे?