जम्मू-कश्मीर में 3 आतंकी गुटों के 65 विदेशी आतंकवादी सक्रिय, सुरक्षा एजेंसियां चौकस
जम्मू और कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की बढ़ती सक्रियता सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, इस समय राज्य में तीन प्रमुख आतंकवादी संगठनों के 65 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं. पाहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों का ध्यान आतंकवादियों की घुसपैठ पर केंद्रित हो गया है.

Jammu Kashmir Terrorism: जम्मू और कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की बढ़ती सक्रियता सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, राज्य में तीन अलग-अलग आतंकवादी संगठनों के 65 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं. यह जानकारी बुधवार को सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई. पाहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा बलों का ध्यान आतंकवादियों की घुसपैठ पर केंद्रित हो गया है.
सुरक्षा बलों का कहना है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में घुसपैठ कर रहे हैं, जो एक नई चुनौती बन गई है. मार्च 2025 के पहले सप्ताह में विदेशी आतंकवादियों की संख्या 59 थी, जो अब बढ़कर 65 हो गई है.
3 आतंकी गुटों के 65 विदेशी आतंकवादी सक्रिय
अधिकारियों के अनुसार, इन 65 विदेशी आतंकवादियों का संबंध तीन प्रमुख आतंकवादी संगठनों से है. पिछले अपडेट के अनुसार, 59 में से 35 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संबंधित हैं. यह संगठन पाहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) का प्रमुख है. इसके अलावा, 21 आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और तीन आतंकवादी हिज़्बुल मुजाहिदीन (HM) से जुड़े हैं. हालांकि, हिज़्बुल मुजाहिदीन कश्मीर आधारित प्रतिबंधित संगठन है, लेकिन ये तीन आतंकवादी पाकिस्तान के निवासी हैं. सुरक्षा बलों के रिकॉर्ड में यह जानकारी दर्ज की गई है.
विदेशी थे हमलावर!
हालांकि, सरकार ने पाहलगाम हमलावरों की आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हमलावर विदेशी थे और स्थानीय आतंकवादियों द्वारा उनका सहयोग किया गया था. जम्मू-कश्मीर में तैनात एक अधिकारी ने कहा, "लश्कर-ए-तैयबा जम्मू क्षेत्र में सबसे सक्रिय संगठन है. 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' द्वारा जिम्मेदारी स्वीकार करना केवल एक कवर है ताकि पाकिस्तान की भूमिका सामने न आए."
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पाहलगाम हमले में भाग लेने वाले आतंकवादियों की संख्या 4 से 6 के बीच थी, और अधिकांश गवाहों ने 4 आतंकवादियों के सक्रिय रूप से गोलीबारी करने की बात कही है.
जम्मू और कश्मीर में विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ
पिछले दो वर्षों में जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ी हैं और विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ ने सुरक्षा बलों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बना दिया है. वर्तमान में केंद्र सरकार 26 नई तकनीकी पहलें शुरू करने जा रही है, जिनमें एंटी-ड्रोन तकनीक, सुरंग पहचान तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी जैसी पहलें शामिल हैं.
अप्रैल 7, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू के एक सीमा चौकी का दौरा किया और सैनिकों को बताया कि सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली के दो मॉडल विकसित किए गए हैं. इन प्रणालियों के पूरी सीमा पर इंस्टाल होने के बाद, जवानों के लिए जानकारी प्राप्त करना और तत्काल प्रतिक्रिया देना काफी आसान हो जाएगा.
सीमा पर सुरक्षा तंत्र में सुधार
गृह मंत्रालय ने हाल ही में जम्मू क्षेत्र में आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की है. दिसंबर 2024 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की दो बटालियन जम्मू भेजी गई थीं, और पिछले सप्ताह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की COBRA बटालियन को जम्मू में तैनात करने की मंजूरी दी गई.
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ को समर्थन देने वालों के खिलाफ विशेष जांच कर रही है. अक्टूबर 2024 में, NIA ने पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमलों के मामले में एक जांच शुरू की थी. पिछले महीने एजेंसी ने सीमा के निकट स्थित संदिग्ध ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे भी मारे थे.


