33 देशों में जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा भारत, 7 डेलिगेशन का ग्रुप को दी गई ब्रीफिंग
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने हेतु 33 देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है. दिल्ली में हुई ब्रीफिंग में बताया गया कि युद्धविराम की पहल पाकिस्तान ने की थी, न कि अमेरिका ने. चीन ने भी भारत के रुख पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. यह दौरे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान और संभावित सदस्य देशों तक होंगे, जिनमें भारत की सैन्य कार्रवाई और कूटनीति को मजबूती से पेश किया जाएगा.

भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सफल सैन्य अभियान के बाद आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को दुनिया के सामने स्पष्ट करने के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक अभियान शुरू किया है. इसके तहत 33 देशों का दौरा करने वाले सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश मंत्रालय द्वारा विस्तृत ब्रीफिंग दी गई. यह बैठक राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें युद्ध विराम के पीछे की कूटनीतिक घटनाओं, अमेरिका की मध्यस्थता के दावों और चीन के बदलते दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया.
पाकिस्तान ने पहले की थी युद्ध विराम की पहल
विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की बातचीत की शुरुआत इस्लामाबाद की ओर से हुई थी. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने सुबह 11 बजे भारत से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हॉटलाइन काम नहीं कर रही थी. इसके बाद नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग ने संदेश भेजा कि उनके डीजीएमओ वार्ता करना चाहते हैं.
हालांकि, भारतीय डीजीएमओ किसी बैठक में व्यस्त थे, जिससे यह संवाद दोपहर 3:30 बजे के करीब संभव हो पाया. उसी बातचीत के दौरान युद्ध विराम पर सहमति बनी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता की बात सच्चाई से परे है. यह पूरी तरह से पाकिस्तान की पहल थी."
चीन का बदला रुख
इस ब्रीफिंग में बताया गया कि चीन ने भारत की सैन्य कार्रवाई की निंदा नहीं की, बल्कि ‘खेद’ व्यक्त किया. यह चीन के पारंपरिक रुख से हटकर था, जो आमतौर पर पाकिस्तान का पक्ष लेता है. अधिकारियों का मानना है कि यह भारत के पक्ष में एक बड़ी कूटनीतिक जीत है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पाकिस्तान हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को पीड़ित बताने की कोशिश करता है, लेकिन भारत इस बार ऐसा नहीं होने देगा. हमारा प्रतिनिधिमंडल पूरी ताकत से भारत का पक्ष रखेगा और पाकिस्तान की भूमिका को आतंकवाद के समर्थन में उजागर करेगा."
किन देशों का दौरा करेंगे प्रतिनिधिमंडल?
इन प्रतिनिधिमंडलों को उन देशों का दौरा करने के लिए चुना गया है जो या तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वर्तमान/भूतपूर्व सदस्य हैं या फिर आगामी सदस्यता के लिए नामित हैं. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करना और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को समर्थन दिलवाना है.
प्रतिनिधिमंडल संबंधित देशों के प्रधानमंत्रियों, विदेश मंत्रियों, सांसदों, बुद्धिजीवियों, मीडिया प्रतिनिधियों और प्रवासी भारतीय समुदाय से भी संवाद करेगा.
प्रमुख प्रतिनिधि और उनके दायित्व
इन कूटनीतिक दौरों का नेतृत्व विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं. भाजपा की ओर से बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, जनता दल यूनाइटेड से संजय कुमार झा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से सुप्रिया सुले प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रुसेल्स सहित कुल 33 देशों का दौरा करेगा, जहां वे भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर की नैतिकता तथा सफलता को सामने रखेंगे.