पहलगाम आतंकी हमले के एक महीने बाद, पाकिस्तान पर भारत के पांच कातिल वार!
Pahalgam terror attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. एक महीने के भीतर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े कदम उठाकर साफ कर दिया कि अब आतंक के खिलाफ सिर्फ शब्द नहीं, सीधा एक्शन होगा.

Pahalgam terror attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन घास के मैदान में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे हर भारतीय के दिल में गुस्से और शोक की लहर दौड़ गई. शहीदों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, और राष्ट्र ने एक स्वर में आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
इस दर्दनाक हमले के एक महीने के भीतर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े और निर्णायक कदम उठाए हैं. इन फैसलों का उद्देश्य न केवल पाकिस्तान पर दबाव बनाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसे क्रूर हमलों की पुनरावृत्ति न हो. भारत ने कूटनीतिक, सामरिक और रणनीतिक स्तर पर जो जवाब दिए हैं, वे आतंक के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाते हैं.
सिंधु जल संधि को किया निलंबित
भारत ने 23 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की. यह कदम पाकिस्तान पर रणनीतिक दबाव बनाने और उसे सीमा पार आतंकवाद के समर्थन से रोकने के इरादे से उठाया गया. भारत ने स्पष्ट किया कि वह अब अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के संरक्षण के लिए करेगा.
पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों की वापसी
उसी दिन, भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से सभी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया और इस्लामाबाद से अपने सैन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया. साथ ही, भारतीय उच्चायोग के स्टाफ को 55 से घटाकर 30 कर दिया गया. यह कदम पाकिस्तान की भूमिका पर भारत की गंभीर आपत्ति और न्यूनतम राजनयिक संबंधों की दिशा में स्पष्ट संकेत था.
वीजा रद्द और यात्रा प्रतिबंध
भारत ने 27 अप्रैल से पाकिस्तान के नागरिकों को जारी किए गए सभी वैध वीज़ा रद्द कर दिए. इसके साथ ही, सार्क वीज़ा छूट योजना के तहत यात्रा करने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया. इस फैसले का उद्देश्य संभावित सुरक्षा खतरों को रोकना और आतंक के प्रति भारत की सख्त नीति को दोहराना था.
अटारी–वाघा बॉर्डर को किया बंद
1 मई को भारत ने अटारी–वाघा सीमा मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया. यह मार्ग भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य भूमि व्यापार और यात्राओं का ज़रिया था. सीमा बंद करने का उद्देश्य द्विपक्षीय संपर्कों को रोकना और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना था कि भारत अब किसी भी हाल में आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा.
ऑपरेशन सिंदूर का सफल सैन्य संचालन
भारत ने आतंक के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए गए. इन हमलों में आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचाते हुए उन नेटवर्क्स को निशाना बनाया गया जो पहलगाम हमले में शामिल थे. यह भारत की आतंक विरोधी रणनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
भारत की सख्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिशें कीं. भारतीय सेना ने इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया. अंततः 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (DGMO) के बीच वार्ता हुई, जिसके बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी.