कानपुर में रोहिंग्या की गिरफ्तारी, फर्जी दस्तावेज रैकेट का पर्दाफाश

यूपी के कानपुर में पुलिस ने एक रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम साहिल है. साहिल की गिरफ्तारी के बाद फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

कानपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से भारत में रह रहे एक रोहिंग्या युवक को गिरफ्तार किया है, जिससे फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है. पकड़े गए युवक की पहचान मोहम्मद साहिल के रूप में हुई है, जो बीते आठ वर्षों से शुक्लागंज के मनोहर नगर में अपने परिवार के साथ रह रहा था. पुलिस ने उसे बुधवार, 21 मई 2025 को बड़ा चौराहा इलाके से गिरफ्तार किया है.

पुलिस जांच के दौरान सामने आई सच्चाई

जेड स्क्वायर चौकी प्रभारी रोहित शर्मा की टीम वाहनों की रूटीन चेकिंग कर रही थी, तभी उन्हें एक ऑटो चालक पर शक हुआ. जब उससे कागजात मांगे गए, तो उसने आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाए. उसकी भाषा शैली और व्यवहार संदिग्ध लगा, जिसके बाद पुलिस ने गहराई से पूछताछ शुरू की. पूछताछ में साहिल ने कबूल किया कि वह म्यांमार का निवासी है और बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था.

कैसे पहुंचा साहिल कानपुर?

साहिल ने बताया कि वह मूल रूप से म्यांमार के मंगडो क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है. 2013 में वह अपने परिवार के साथ बांग्लादेश के काक्स बाजार स्थित शरणार्थी शिविर पहुंचा. वहां तीन साल गुजारने के बाद उसने असम के रास्ते भारत में घुसपैठ की. फिर वह ट्रेन से कानपुर आया, जहां उसकी बहन ताहिरा बेगम और बहनोई अमीन पहले से रह रहे थे. उन्हीं की मदद से उसने फर्जी आधार और लाइसेंस बनवाया और ऑटो चलाना शुरू किया.

सीमा पार के लिए की गई थी रिश्वत

पुलिस को दिए गए बयान में साहिल ने बताया कि भारत में घुसने के लिए उसने प्रति व्यक्ति 1200 रुपये दिए थे. उनके परिवार के छह सदस्यों ने मिलकर 7200 रुपये एक दलाल को दिए, जो रोहिंग्या शरणार्थियों को असम सीमा पार कराने में मदद करता था.

पुलिस की छापेमारी और आगे की कार्रवाई

साहिल के बयान के आधार पर पुलिस ने शुक्लागंज में उसके ठिकाने पर छापा मारा, लेकिन वहां उसकी बहन और बहनोई नहीं मिले. पुलिस का मानना है कि वे भी अवैध तरीके से भारत आए थे और फर्जी दस्तावेजों के जाल में शामिल हो सकते हैं. अब इनकी तलाश जारी है.

अफसरों की प्रतिक्रिया

एसीपी कोतवाली आशुतोष कुमार ने बताया कि आरोपी के पास मिले दस्तावेज पूरी तरह फर्जी हैं. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसे भारत लाने और फर्जी पहचान पत्र बनवाने में किन लोगों की भूमिका रही. पुलिस का कहना है कि इस तरह के नेटवर्क को खत्म करने के लिए व्यापक जांच जारी है.

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22 May 2025, 03:38 PM IST

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