score Card

राष्ट्रीय कलंक! देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या पर बोले शशि थरूर

देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हमले के बाद मौत हो गई. शशि थरूर ने इसे राष्ट्रीय कलंक बताया. कई आरोपी गिरफ्तार हुए, मुख्य आरोपी फरार है, जबकि घटना ने देशभर में बहस और आक्रोश पैदा किया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः देहरादून में पढ़ाई कर रहे त्रिपुरा के 24 वर्षीय स्नातकोत्तर छात्र की शुक्रवार को चाकू के घावों के कारण मौत हो गई. यह घटना करीब दो हफ्ते पहले हुए एक हिंसक हमले से जुड़ी है, जिसे पीड़ित के परिवार और पुलिस ने नस्लीय रूप से प्रेरित बताया है. इस दर्दनाक मौत ने देशभर में आक्रोश और राजनीतिक बहस को जन्म दिया है.

पीड़ित की पहचान 

मृतक की पहचान एंजेल चकमा के रूप में हुई है, जो देहरादून के एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए का छात्र था. 9 दिसंबर को सेलाक्वी क्षेत्र में उस पर कुछ युवकों ने कथित तौर पर हमला किया था. हमले में उसे गंभीर चाकू के घाव लगे, जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती था. इलाज के दौरान 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना को “राष्ट्रीय कलंक” करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में गहरे बैठे नस्लीय पूर्वाग्रहों का नतीजा है. थरूर ने कहा कि एक गर्वित भारतीय नागरिक को चीनी और मोमो जैसे अपमानजनक शब्दों से पुकारा गया और अंततः उसकी जान ले ली गई.

नस्लवाद को बताया गंभीर सामाजिक समस्या

थरूर ने कहा कि यह घटना कोई अलग-थलग मामला नहीं है, बल्कि उत्तर भारत में बढ़ते नस्लवाद का खतरनाक उदाहरण है, जो अक्सर मज़ाक या उपेक्षा के रूप में सामने आता है. उन्होंने चिंता जताई कि भारतीय समाज अपनी विविधता को स्वीकार करने और उसका सम्मान करने में लगातार विफल हो रहा है.

पूर्वोत्तर भारत भारतीय पहचान का केंद्र

पूर्वोत्तर भारत पर जोर देते हुए थरूर ने कहा कि यह क्षेत्र भारत की संस्कृति, भाषा और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है, न कि कोई हाशिये का इलाका. इसके बावजूद यहां के लोगों को बार-बार भेदभाव, नस्लीय टिप्पणियों और बहिष्कार का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति अब स्वीकार्य नहीं है.

अदालत से आगे समाज की जिम्मेदारी

शशि थरूर ने सिर्फ कानूनी कार्रवाई तक सीमित न रहने की बात कही. उन्होंने कहा कि एंजेल चकमा के लिए न्याय अदालतों के साथ-साथ देश की अंतरात्मा में भी होना चाहिए. स्कूलों में सभी भारतीय समुदायों का इतिहास पढ़ाने, मीडिया से जिम्मेदार रिपोर्टिंग और समाज से अपने पूर्वाग्रहों पर आत्ममंथन करने की अपील की.

पुलिस जांच 

पुलिस के अनुसार, हमले के सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है. अब तक पांच आरोपियों अविनाश नेगी, शौर्य राजपूत, सूरज ख्वास, आयुष बडोनी और सुमित को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी, जो नेपाल का निवासी है और हरिद्वार में रह रहा था, अभी फरार है. उसकी तलाश के लिए विशेष टीम बनाई गई है.

किसने क्या कहा?

टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी में मदद करने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. इससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है.

नस्लीय गालियों के बाद हमला

एंजेल चकमा के पिता तरुण चकमा ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने अपने भाई माइकल को नस्लीय गालियों से बचाने की कोशिश की थी. इसी दौरान हमलावरों ने एंजेल पर चाकू और अन्य हथियारों से हमला कर दिया. परिवार का दावा है कि पुलिस ने शुरुआत में शिकायत दर्ज करने में देरी की, हालांकि पुलिस इससे इनकार करती है और जांच तेज होने की बात कह रही है.

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag