Voter ID के लिए अनिवार्य होगा आधार और मोबाइल नंबर... चुनाव ने लागू किया नया नियम
Aadhaar-linked mobile number mandatory: चुनाव आयोग ने ऑनलाइन वोटर लिस्ट सेवाओं के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. इससे बिना लिंक मोबाइल नंबर के कोई आवेदन स्वीकार नहीं होगा. इस निर्णय के बाद कर्नाटक में वोटर डिलीशन को लेकर उठे विवाद पर राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि यह एक संगठित साजिश है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे गलत बताया और जांच के बाद 5994 आवेदन रद्द किए गए.

Aadhaar-linked mobile number mandatory: चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ऑनलाइन वोटर लिस्ट से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. अब यदि कोई भी मतदाता अपना नाम जोड़ना, हटाना या उसमें कोई बदलाव करना चाहता है, तो उसे आधार से लिंक मोबाइल नंबर प्रदान करना होगा. इस निर्णय को लगभग एक महीने पहले लिया गया था और अब इसे पूरी तरह से लागू कर दिया गया है. इससे पहले, यदि कोई व्यक्ति अपनी वोटर लिस्ट में किसी प्रकार का बदलाव करता था तो वह बिना आधार-लिंक मोबाइल नंबर के आवेदन कर सकता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से बदल गई है.
वोट चोरी के आरोप के बाद बदलाव का फैसला
रद्द आवेदन को लेकर चुनाव आयोग ने दी सफाई
इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने अपनी सफाई दी और कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. अंबुकुमार ने बताया कि दिसंबर 2022 में अलंद विधानसभा से 6018 वोटरों को हटाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे. इन सभी आवेदनों की जांच की गई और पाया गया कि इनमें से 5994 आवेदन गलत थे. सिर्फ 24 आवेदन सही पाए गए और इसलिए उन गलत आवेदनों को रद्द कर दिया गया. चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच के लिए FIR भी दर्ज की और कहा कि कोई भी सामूहिक वोटर डिलीशन नहीं हुआ है.
आगे की प्रक्रिया और चुनाव आयोग का कदम
चुनाव आयोग ने इस कदम को पारदर्शिता बनाए रखने और चुनाव प्रक्रिया को और भी सुरक्षित बनाने के लिए उठाया है. इसके साथ ही, अब चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि भविष्य में कोई इस तरह की समस्याएं ना उत्पन्न हो. इसके साथ ही यह कदम एक संकेत है कि आयोग अपनी कार्यप्रणाली को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी से बचा जा सके.
आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य करना चुनाव आयोग का एक बड़ा कदम है. इससे न केवल वोटर लिस्ट की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में भी और अधिक सुरक्षा होगी. वहीं, कर्नाटक में हुए विवाद के बाद आयोग ने अपनी सफाई दी है और आरोपों को खारिज किया है. अब यह देखना होगा कि यह नया निर्णय आने वाले चुनावों में कितनी सफलता से लागू होता है.


