ताजमहल को नहीं देख पाएंगे अफगानी विदेश मंत्री, आखिरी समय में टला आगरा दौरा...जानिए क्या रही वजह ?
Aamir Khan Muttaqi Agra visit Cancelled :अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी का प्रस्तावित ताजमहल दौरा अंतिम क्षणों में रद्द कर दिया गया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं. यात्रा के लिए सुरक्षा तैयारियां पूरी थीं, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं किया गया. यह दौरा भारत-अफगान रिश्तों में सकारात्मक संकेत माना जा रहा था, विशेषकर पाकिस्तान के साथ दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के बीच, जिससे इस रद्दीकरण की राजनयिक अहमियत और बढ़ गई है.

Aamir Khan Muttaqi Agra visit Cancelled : अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी का रविवार को प्रस्तावित आगरा दौरा अचानक रद्द कर दिया गया. सरकारी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है, हालांकि दौरे के रद्द होने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया. मुत्तकी के इस दौरे को राजनयिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा था, विशेषकर ऐसे समय में जब अफगानिस्तान और भारत दोनों ही पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों का सामना कर रहे हैं.
ताजमहल दर्शन की थी योजना
सुरक्षा व्यवस्था थी चाक-चौबंद
आगरा प्रशासन ने इस उच्च-स्तरीय दौरे के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे. जिला प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोई चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रहेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया था, "किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी."
राजनयिक पृष्ठभूमि में दौरे का महत्व
इस दौरे का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह ऐसे समय पर हो रहा था जब भारत और अफगानिस्तान दोनों की पाकिस्तान के साथ संबंधों में ठंडापन है. पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप दोनों देशों द्वारा समय-समय पर लगाए जाते रहे हैं. मुत्तकी की भारत यात्रा को इस क्षेत्रीय भू-राजनीति के संदर्भ में एक सक्रिय कूटनीतिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा था.
रद्द होने से उठे सवाल
हालांकि दौरे को अंतिम समय में रद्द किए जाने की वजहों पर न तो अफगान पक्ष की ओर से और न ही भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई औपचारिक टिप्पणी की गई है, लेकिन इससे राजनयिक और सुरक्षा पहलुओं को लेकर अटकलें ज़रूर शुरू हो गई हैं. क्या यह सुरक्षा कारणों से हुआ या कोई रणनीतिक बदलाव था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.
आमिर खान मुत्तकी का ताजमहल दौरा न केवल एक प्रतीकात्मक शिष्टाचार यात्रा थी, बल्कि इसे भारत-अफगान रिश्तों के बीच एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा था. इस दौरे का रद्द होना भले ही प्रशासनिक कारणों से हो, लेकिन यह क्षेत्रीय राजनीति और दोनों देशों के कूटनीतिक समीकरणों के बीच संभावित जटिलताओं की ओर भी इशारा करता है.


