हमने भारत को निवेश के लिए आमंत्रित... वाघा बॉर्डर खोलने की अपील की, जयशंकर के साथ हुई बैठक के बाद बोले अफगानी विदेश मंत्री
Chabahar Port Trade Talks : अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान भारत-अफगान व्यापार, चाबहार बंदरगाह और वाघा बॉर्डर पर चर्चा हुई. महिला पत्रकारों को पहली प्रेस वार्ता से बाहर रखने पर आलोचना के बाद उन्हें अगली वार्ता में आमंत्रित किया गया. भारत सरकार ने आयोजन से दूरी बनाई, जबकि विपक्ष ने सरकार की आलोचना की. तालिबान की महिला-विरोधी नीतियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस का विषय बनी रहीं.

Chabahar Port Trade Talks : अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने अपनी भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार, कूटनीति और क्षेत्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. यह यात्रा 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद मुत्तकी की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा रही, जो क्षेत्रीय कूटनीतिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
चाबहार और वाघा बॉर्डर पर चर्चा
#WATCH | Delhi | Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi says, "... During the meeting, the Indian foreign minister announced an increase in the flights between Kabul and Delhi... An agreement was also reached on trade and economy... We also invited the Indian side to… pic.twitter.com/laaEZ3vkIO
— ANI (@ANI) October 12, 2025महिला पत्रकारों के बहिष्कार पर उठे सवाल
मुत्तकी की इस यात्रा के दौरान सबसे अधिक विवाद उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर हुआ जिसमें महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया था. 10 अक्टूबर को हुई उस प्रेस बैठक की तस्वीरों में केवल पुरुष पत्रकार ही नजर आए, जिससे इंडियन वीमेन्स प्रेस कॉर्प्स (IWPC) और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने विरोध जताया और इसे लैंगिक भेदभाव बताया.
#WATCH | Delhi | On the issue of women journalists not being invited to his presser two days ago, Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi says, "With regards to the press conference, it was on short notice and a short list of journalists was decided, and the participation… pic.twitter.com/zM8999yc0l
— ANI (@ANI) October 12, 2025
इस आलोचना के बाद रविवार की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया. मुत्तकी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत शॉर्ट नोटिस पर आयोजित की गई थी और केवल कुछ पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने इसे “तकनीकी त्रुटि” बताया और किसी भी भेदभाव से इनकार किया.
भारत सरकार ने बनाई दूरी
महिला पत्रकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर जब राजनीतिक आरोप लगने लगे तो भारत के विदेश मंत्रालय ने सफाई दी कि 10 अक्टूबर की प्रेस वार्ता में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी. MEA के अनुसार, तालिबान प्रतिनिधिमंडल द्वारा आयोजित प्रेस कार्यक्रम एक निजी आयोजन था और भारत सरकार ने केवल मेहमानों को वीजा प्रदान किया था.
विपक्ष का विरोध, राहुल गांधी का बयान
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की और कहा कि महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंच से बाहर रखने की अनुमति देकर सरकार महिलाओं के अधिकारों के प्रति अपनी असंवेदनशीलता दर्शा रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के नारे को खोखला साबित करती है.
#WATCH | Delhi | Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi says, "... I met the Minister of External Affairs of India and talked about economy, trade, and other issues. During the meeting, the EAM of India announced the upgrading of their mission in Kabul to Embassy level… pic.twitter.com/CdbCEKDEVg
— ANI (@ANI) October 12, 2025
महिला विरोधी नीतियों की अंतरराष्ट्रीय आलोचना
तालिबान शासन के दौरान महिलाओं के अधिकारों में कटौती को लेकर दुनियाभर में विरोध जारी है. महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच से वंचित कर दिया गया है. जुलाई में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों का उत्पीड़न एक संगठित और गंभीर मानवीय संकट बन चुका है.
मुत्तकी की भारत यात्रा राजनीतिक, कूटनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से कई सवालों को जन्म देती है. एक ओर अफगानिस्तान भारत से आर्थिक और राजनीतिक सहयोग चाहता है, तो वहीं दूसरी ओर तालिबान की महिला विरोधी नीतियों को लेकर दुनिया भर में उसकी आलोचना हो रही है. भारत सरकार ने जहां कूटनीतिक स्तर पर सतर्कता बरती, वहीं देश के भीतर महिला पत्रकारों को लेकर उपजा विवाद तालिबान शासन के मूलभूत दृष्टिकोण पर भी सवाल खड़े करता है.


