करीब 100 घंटों बाद भारत और पाकिस्तान के खत्म हुआ तनाव, बॉर्डर पर रातभर रही शांति...लेकिन संशय बरकरार
भारत और पाकिस्तान ने सीमा पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई, लेकिन पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन के चलते भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते की घोषणा की, जबकि भारत ने इसे द्विपक्षीय बताया. यह कदम भारत द्वारा "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत किए गए जवाबी हमलों के बाद आया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए और स्पष्ट किया कि कोई भी दुस्साहस बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

भारत और पाकिस्तान ने सीमा पर जारी संघर्ष को रोकने के लिए सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को बंद करने पर सहमति जताई. यह निर्णय दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच चार दिनों से जारी तीव्र झड़पों के बाद आया, जो हाल के वर्षों की सबसे गंभीर स्थिति बन चुकी थी. हालांकि, समझौते के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान द्वारा कई बार युद्धविराम का उल्लंघन किया गया, जिससे भारत को सख्त प्रतिक्रिया देनी पड़ी.
ट्रंप की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इस युद्धविराम की घोषणा सबसे पहले की, जिसके कुछ मिनटों बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे सार्वजनिक रूप से पुष्ट किया. हालांकि, देर रात एक आपातकालीन प्रेस वार्ता में मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान ने शाम के समय युद्धविराम की शर्तों का कई बार उल्लंघन किया, और भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया.
युद्धविराम की शर्तें
मिस्री ने बताया कि शनिवार दोपहर पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर 5 बजे से सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियों को रोकने की सहमति जताई. दोनों पक्षों को निर्देश दिए गए कि वे जमीन, समुद्र और हवा से कोई भी आक्रामक कार्रवाई न करें. अगली बातचीत 12 मई को तय हुई है.
यह समझौता उस संघर्ष के बाद हुआ जिसमें भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था. यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में किया गया था.
अमेरिका की मध्यस्थता पर मतभेद
अमेरिकी अधिकारियों ने इस युद्धविराम का श्रेय अपनी मध्यस्थता को दिया, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने साफ किया कि यह एक द्विपक्षीय निर्णय था. भारत ने स्पष्ट कर दिया कि पहलगाम हमले के बाद उठाए गए कदम जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन, सीमा चौकी बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासित करना, बरकरार रहेंगे.
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया
भारतीय वायुसेना और थलसेना ने पाकिस्तान द्वारा उकसावे की कार्रवाई के बाद कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर सटीक हथियारों से हमले किए. इनमें स्कार्दू, जैकोबाबाद, और सरगोधा जैसे हवाई अड्डे शामिल थे. भारतीय वायुसेना की कार्रवाई ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को गंभीर क्षति पहुंचाई.
सेना का स्पष्ट संदेश
भारतीय सेनाओं ने कहा कि वे पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के हर दुस्साहस का कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाएगा. रक्षा प्रवक्ताओं ने कहा कि भारतीय सैन्य कार्रवाई "नपी-तुली और ज़िम्मेदाराना" रही है.


