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युद्ध के बिना ही टूट रही पाक की कमर! पानी रोकने के बाद जम्मू-कश्मीर में दो हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम शुरू

भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. वहीं भारत हर स्तर पर कड़ा जवाब देने को तैयार दिख रहा है.

भारत ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को स्थगित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं में जलाशय क्षमता बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठा लिए हैं. ये पहली बार है जब भारत ने इस संधि के बाहर जाकर व्यावहारिक कार्यवाही की है. ये फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और दो हमलावरों की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में हुई.

इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर भारत पानी को रोकने या उसकी धारा मोड़ने की कोशिश करता है, तो इसे युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा. इसके बावजूद, भारत ने जलाशयों की सफाई और भंडारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं.

जलाशयों की सफाई का काम शुरू

1 मई से एनएचपीसी लिमिटेड और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सलाल और बगलिहार बांधों की रेजर्वॉयर फ्लशिंग प्रक्रिया शुरू की है, जिसका उद्देश्य गाद को हटाकर जलधारण क्षमता और बिजली उत्पादन को बढ़ाना है. ये कार्यवाही पहली बार की गई है क्योंकि पहले सिंधु जल संधि इसकी अनुमति नहीं देती थी. चेनाब नदी के किनारे बसे लोगों ने बताया कि उन्होंने सलाल और बगलिहार बांधों से पानी छोड़े जाते देखा. स्थानीय वीडियो में नदी के कुछ हिस्सों में तेज बहाव और अन्य हिस्सों में गाद जमा दिखाई दी. एक बुजुर्ग स्थानीय नागरिक ने बताया कि मैं 75 साल का हूं, लेकिन पहली बार देखा कि चेनाब नदी का पानी रोका जा सकता है. पीएम मोदी का धन्यवाद करता हूं. हम सभी सेना के साथ खड़े हैं.

बिजली उत्पादन में सुधार की दिशा में बड़ा कदम

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ये पहली बार है जब ऐसा अभ्यास किया गया है और ये टर्बाइनों को नुकसान से बचाने के साथ बिजली उत्पादन को बेहतर बनाएगा. बांध के गेट्स को 1 मई से खोलना शुरू किया गया था. भारत अब 6 रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिनमें 1,856 मेगावाट की सावलकोट, 1,320 मेगावाट की कीर्थाई-I और II तथा 1,000 मेगावाट की पकल डुल परियोजनाएं शामिल हैं. ये योजनाएं जम्मू-कश्मीर की बिजली क्षमता को 10,000 मेगावाट तक ले जा सकती हैं.

भारतीय सेना को ‘फ्री हैंड’, जवाबी कार्रवाई की तैयारी

पाकिस्तान ने ना केवल इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी बल्कि इसे युद्ध की कार्यवाही बताया. साथ ही कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब संधि के स्थगन के बाद वो स्वतंत्र रूप से परियोजनाओं को लागू करने के लिए स्वतंत्र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को इस हमले के बाद 'फ्री हैंड” दे दिया है. वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख से हाल ही में हुई बैठकें इस दिशा में संकेत देती हैं कि भारत हर मोर्चे पर सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है.

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05 May 2025, 05:37 PM IST

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