Air India प्लेन हादसे के बाद 1000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था तापमान, SDRF भी रह गया बेबस, आंखों के सामने जलती रही जिंदगियां
अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 241 लोगों की मौत हो गई. ईंधन विस्फोट के कारण तापमान 1,000°C तक पहुंच गया, जिससे बचाव कार्य मुश्किल हो गया. केवल एक व्यक्ति बचा. हादसे में शामिल विमान में 1.25 लाख लीटर ईंधन था और संचालन अनुभवी पायलट द्वारा किया जा रहा था.

अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के बाद बचाव कार्यों को अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. आग लगने के बाद विमान स्थल का तापमान लगभग 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे मलबे के अंदर फंसे लोगों को निकालना लगभग असंभव हो गया. एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि जैसे ही विमान के ईंधन टैंक में विस्फोट हुआ, भयंकर लपटें उठीं और चंद मिनटों में तापमान बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. विशेषज्ञों के अनुसार, यह तापमान ज्वालामुखी के लावे के बराबर था, जो लगभग 1140 से 1170 डिग्री सेल्सियस तक होता है.
एसडीआरएफ ने झोंकी पूरी ताक़त
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अपने सेवा काल में कई आपदाओं का सामना किया है, लेकिन इस प्रकार की चरम गर्मी और हालात पहले कभी नहीं देखे. "हम पीपीई किट पहनकर आए थे, लेकिन आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि उसमें काम करना बेहद कठिन हो गया," अधिकारी ने बताया. हर ओर मलबा फैला था, और कुछ हिस्से पहले से सुलग रहे थे, जिन्हें हटाना प्राथमिकता बन गई.
विमान में था 1.25 लाख लीटर ईंधन
इस भयावह दुर्घटना की गंभीरता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि विमान में करीब 1.25 लाख लीटर जेट ईंधन मौजूद था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और मीडिया को जानकारी दी कि इतनी मात्रा में ईंधन में आग लगने से कोई भी जीवित निकलना लगभग असंभव था. उन्होंने इसे देश की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बताया.
241 लोगों की मौत
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भर रही थी, गुरुवार दोपहर को एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य थे. इस हादसे में सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा, जबकि बाकी सभी की मौत हो गई. मृतकों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक शामिल थे.
अनुभवी पायलट और सह-पायलट
इस विमान का संचालन कैप्टन सुमीत सभरवाल कर रहे थे, जो एक अनुभवी लाइन ट्रेनिंग कैप्टन हैं और उनके पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था. उनके सहायक फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था. दोनों पायलटों ने आखिरी क्षण तक विमान को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन ईंधन विस्फोट और ऊंचे तापमान ने सभी प्रयासों को विफल कर दिया.