बिहार में एनडीए की जीत के बाद महाविकास अघाड़ी में मची खलबली, बीएमसी चुनाव को लेकर उद्धव ने लिया बड़ा फैसला
मुंबई BMC चुनाव से पहले कांग्रेस के अकेले लड़ने के फैसले ने MVA में दरार गहरी कर दी है. उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की स्वतंत्रता स्वीकार की लेकिन चुनाव आयोग, बिहार नतीजों और भाजपा की क्षेत्रीय दलों पर दबाव की रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए.

मुंबईः मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में कांग्रेस द्वारा अकेले उतरने की घोषणा ने महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (MVA) में हलचल पैदा कर दी है. घोषणा के अगले ही दिन शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस अपने निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है और उनकी पार्टी भी. गठबंधन में रहते हुए दिया गया यह बयान संकेत देता है कि MVA के भीतर मतभेद बढ़ रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब सभी दलों को मिलकर मुंबई के महत्वपूर्ण चुनाव की तैयारी करनी चाहिए.
कांग्रेस के फैसले पर उद्धव ठाकरे का रुख
कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड़ ने शनिवार को कहा था कि पार्टी BMC चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस स्वतंत्र पार्टी है और मेरी पार्टी भी. वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं और हम भी अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं. यह बयान उस प्रतिक्रिया में आया है जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मनसे (MNS) को विपक्षी खेमे में शामिल किए जाने पर नाराज़गी जताई थी. उद्धव का यह रुख साफ दर्शाता है कि उनकी पार्टी अब गठबंधन के दबावों से बंधकर नहीं चलना चाहती.
बिहार चुनाव पर सवाल
उद्धव ठाकरे ने सिर्फ MVA की राजनीति पर ही नहीं, बल्कि हाल ही में हुए बिहार चुनाव के नतीजों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह समझ पाना मुश्किल है कि जहां विपक्षी दलों की रैलियों में भारी भीड़ उमड़ती है, वहीं जीत NDA की कैसे हो जाती है. उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि क्या तेजस्वी यादव को दिखा गया समर्थन वास्तविक था या फिर यह भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का खेल था? उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में नए प्रकार का गणित चल रहा है. भीड़ किसी और के साथ खड़ी रहती है लेकिन वोट किसी और को मिल जाता है.
चुनाव आयोग पर निशाना
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग (ECI) पर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर मार्च निकाले गए, लेकिन आयोग ने मुद्दों पर बात करने से परहेज किया. उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी ही नहीं है, तो क्या यह लोकतंत्र कहलाने लायक है? ठाकरे ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की राजनीति राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, परंतु जनता अपने क्षेत्रीय गौरव पर आंच नहीं आने देगी.
क्षेत्रीय दलों को मिटाने की कोशिश का आरोप
उद्धव ने कहा कि भाजपा पूरे देश में एक ही राजनीतिक विचारधारा थोपने की प्रयास कर रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी पार्टी जो क्षेत्रीय भावनाओं को कुचलने की कोशिश करेगी, वह लंबे समय तक इस देश में टिक नहीं पाएगी.


