पत्नी को छोड़ काफिले संग निकल गए कृषि मंत्री शिवराज सिंह, बाद में आया याद...जानें फिर क्या हुआ?
गुजरात दौरे पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्दबाज़ी में अपनी पत्नी साधना सिंह को कार्यक्रम स्थल पर भूल गए. एक किलोमीटर आगे बढ़ने के बाद उन्हें याद आया और तुरंत काफिले को मोड़कर पत्नी को साथ लिया. यह घटना सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई.

केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ गुजरात दौरे पर एक अनोखा वाकया हो गया. जूनागढ़ में एक कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब वे राजकोट की ओर रवाना हुए, तो भूलवश अपनी पत्नी साधना सिंह को पीछे ही छोड़ आए. करीब एक किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उन्हें याद आया कि उनकी पत्नी तो साथ में हैं ही नहीं. इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने काफिले को वापस मोड़ने के निर्देश दिए और पत्नी को लेकर फिर राजकोट के लिए निकले.
जल्दबाज़ी में हुई चूक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान धार्मिक और सरकारी दौरे पर गुजरात में थे. उन्होंने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और गिर के जंगलों का दौरा किया और फिर जूनागढ़ में मूंगफली अनुसंधान केंद्र पर एक किसान कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम के तुरंत बाद उन्हें राजकोट से रात 8 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी. मौसम और सड़क की स्थिति खराब होने के कारण उन्होंने जल्दी निकलने का फैसला किया. इसी जल्दबाज़ी में वह अपनी पत्नी को ही कार्यक्रम स्थल पर छोड़ आए.
कार्यक्रम में भी दिखी हड़बड़ी
कार्यक्रम के दौरान भी शिवराज सिंह बार-बार घड़ी देखते नजर आए. उन्होंने माइक पर कहा, “राजकोट की सड़क खराब है, अगली बार आराम से आऊंगा.” उन्होंने अपना भाषण छोटा किया और 22 गाड़ियों के काफिले के साथ तुरंत निकल गए. इस दौरान उनकी पत्नी साधना सिंह गिरनार पर्वत का दौरा करके लौट चुकी थीं और कार्यक्रम स्थल के प्रतीक्षालय में बैठी थीं.
फोन पर किया संपर्क, फिर लौटे वापस
करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ने के बाद जब शिवराज सिंह को एहसास हुआ कि उनकी पत्नी साथ नहीं हैं, तो उन्होंने फोन लगाकर संपर्क किया और तुरंत काफिले को पीछे मुड़ने का आदेश दिया. इसके बाद वे अपनी पत्नी को लेकर फिर से राजकोट के लिए रवाना हुए.
स्थानीय लोगों में बनी चर्चा का विषय
यह रोचक घटना न केवल प्रशासनिक हलकों में बल्कि स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई. लोग इसे एक मानवीय भूल मान रहे हैं और कुछ इसे हल्के-फुल्के मज़ाक के रूप में भी ले रहे हैं.


