Air India Crash: फ्यूल लीकेज या इंजन फॉल्ट? जांच में गहराई से खंगाले जा रहे सुराग
एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए हालिया क्रैश के पीछे की असली वजह का पता लगाने के लिए जांचकर्ताओं ने अब 'टेल फायर' यानी विमान की पूंछ में लगी आग के एंगल पर फोकस करना शुरू कर दिया है. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट टेकऑफ के कुछ समय बाद विमान की पिछली हिस्से में आग लगने के संकेत मिले थे, जिससे पूरे सिस्टम में अचानक खराबी आ गई और यह भीषण हादसा हो गया.

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की दुर्घटना के पीछे की असली वजह क्या थी, इसे लेकर जांच अब एक अहम मोड़ पर है. 12 जून को हुए इस भयावह हादसे में विमान ने उड़ान भरते ही मेडिकल हॉस्टल कॉम्प्लेक्स से टकरा कर आग पकड़ ली थी, जिसमें विमान में सवार सभी 241 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा ज़मीन पर भी 19 लोग इस हादसे में मारे गए.
अब जांचकर्ता विमान के टेल सेक्शन में संभावित “इलेक्ट्रिक फायर” को लेकर गहराई से जांच कर रहे हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट्स में सामने आया है कि यह आग सीमित हिस्से में थी, लेकिन ब्लैक बॉक्स (EAFR) को इतना नुकसान पहुंचा कि उससे डेटा निकाला नहीं जा सका। इस टेल फायर के जरिए हादसे की असली वजह सामने आ सकती है.
टेल सेक्शन में मिली आग के संकेत
विमान का टेल सेक्शन हॉस्टल की छत पर फंसा हुआ पाया गया था और पोस्ट-क्रैश धमाके या फ्यूल फायर से काफी हद तक सुरक्षित रहा. लेकिन जांचकर्ताओं ने पाया कि इस हिस्से में स्थित रियर ब्लैक बॉक्स (EAFR) अंदर से थर्मल डैमेज का शिकार हो गया. यह ब्लैक बॉक्स सामान्य क्रैश इम्पैक्ट से इस हद तक नहीं टूटता कि डेटा रिट्रीव ही न हो सके.
ब्लैक बॉक्स से नहीं मिल पाया डेटा
एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, रियर ब्लैक बॉक्स से पारंपरिक तरीकों से डेटा डाउनलोड नहीं किया जा सका क्योंकि डिवाइस अंदर से बुरी तरह जल चुका था. इससे यह संकेत मिलता है कि आग हादसे से पहले या उड़ान के दौरान ही लगी थी.
स्टेबलाइजर सेंसर में पहले से था डिफेक्ट
हादसे से कुछ घंटे पहले ही इसी विमान ने दिल्ली से अहमदाबाद तक उड़ान भरी थी (AI-423). उस उड़ान के बाद पायलट द्वारा एक "Pilot Defect Report" दर्ज की गई थी जिसमें "STAB POS XDCR" (Stabilizer Position Transducer) में खराबी का ज़िक्र था. हालांकि ग्राउंड इंजीनियर द्वारा इसे ठीक कर उड़ान के लिए क्लीयर कर दिया गया था.
इंजन फ्यूल सप्लाई खुद-ब-खुद कैसे बंद हुई?
प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि टेक-ऑफ के कुछ ही क्षण बाद दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई अचानक कट गई थी. फ्यूल कंट्रोल स्विच एक ही सेकंड में "RUN" से "CUTOFF" मोड में शिफ्ट हो गए थे. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है. "Why did you cutoff?", जिस पर दूसरा जवाब देता है – "I did not do so."
इलेक्ट्रिकल फॉल्ट से जुड़े सवाल
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “अगर टेक-ऑफ से पहले ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम में कोई खराबी थी, तो इससे फ्लाइट सेंसर डेटा गड़बड़ा सकता है, जो आगे चलकर इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) को गलत डेटा भेजकर फ्यूल सप्लाई बंद करा सकता है.” साथ ही, टेक-ऑफ के दौरान अधिक थ्रस्ट के लिए APU (Auxiliary Power Unit) का ऑटो स्टार्ट भी इस दिशा में इशारा करता है कि कुछ असामान्य घटनाक्रम पहले से शुरू हो चुका था.
पायलट्स पर सवाल उठाने से नाराज ALPA
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस हादसे के लिए मानव त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिस पर एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ALPA ने कहा कि AI-171 के क्रू मेंबर्स ने अपनी आखिरी सांस तक यात्रियों को बचाने की कोशिश की. उन पर कोई अनावश्यक आरोप लगाना अनुचित है. वे सम्मान के हकदार हैं, न कि चरित्र पर सवाल उठाने के.


