अमेरिकी टेक करोड़पति ब्रायन जॉनसन की भारत को नसीहत, कहा- 'यहां सांस लेना भी खतरनाक'
Bryan Johnson: अमेरिकी टेक अरबपति ब्रायन जॉनसन ने एक बार फिर भारत की खराब वायु गुणवत्ता पर कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में प्रदूषण के गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को उजागर किया और कहा कि भारतीयों को इसकी चिंताजनक स्थिति पर हर दिन आक्रोशित होना चाहिए. जॉनसन ने पहले भी ज़ेरोधा के सीईओ निखिल कामथ के पॉडकास्ट को बीच में छोड़कर इस मुद्दे पर चर्चा छेड़ी थी.

Bryan Johnson: भारत में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या पर अमेरिकी टेक करोड़पति ब्रायन जॉनसन ने एक बार फिर तीखी प्रतिक्रिया दी है. अपनी एंटी-एजिंग रिसर्च और टेक इनोवेशन के लिए मशहूर जॉनसन ने पहले भी भारत की खराब हवा को लेकर आलोचना की थी. हाल ही में, उन्होंने ज़ेरोधा के सीईओ निखिल कामथ के पॉडकास्ट को बीच में ही छोड़ दिया था, जिसका कारण उन्होंने प्रदूषण बताया था. अब, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट में, उन्होंने एक अध्ययन साझा किया, जिसमें दिखाया गया कि कैसे वायु प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लीवर की सूजन, फाइब्रोसिस और कैंसर से जुड़े जीन असंतुलन तक गंभीर असर डाल सकता है.
ब्रायन जॉनसन ने भारत में प्रदूषण के प्रति लोगों की उदासीनता पर भी चिंता जताई. उन्होंने लिखा, "भारतीयों को खराब वायु गुणवत्ता पर रोज़ रोष व्यक्त करना चाहिए. इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. PM2.5 का कोई सुरक्षित स्तर नहीं होता." उनका कहना है कि वायु प्रदूषण को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाना चाहिए, खासकर उन देशों में जहां यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है.
वायु प्रदूषण से गंभीर स्वास्थ्य खतरे
ब्रायन जॉनसन ने जिस अध्ययन का हवाला दिया, उसमें यह देखा गया कि चूहों को 12 हफ्तों तक यातायात से उत्पन्न PM2.5 प्रदूषकों के निम्न स्तर के संपर्क में रखा गया. ये प्रदूषक व्यस्त सड़कों से एकत्रित किए गए थे और खारे घोल में मिलाकर चूहों की नाक के जरिए दिए गए.
12 हफ्तों के बाद अध्ययन में पाया गया कि चूहों के लीवर में सूजन, फाइब्रोसिस, रक्त में वसा असंतुलन, और कैंसर से जुड़े जीन असंतुलन विकसित हो गए. अध्ययन यह भी दर्शाता है कि वायु प्रदूषण के छोटे-छोटे कण (PM2.5) सिर्फ फेफड़ों में नहीं रुकते, बल्कि रक्त प्रवाह में शामिल होकर अन्य अंगों को भी प्रभावित करते हैं.
'भारत में मास्क नहीं पहनता कोई, जबकि हवा ज़हरीली है'
ब्रायन जॉनसन ने यह भी बताया कि भारत में लोग वायु प्रदूषण के प्रति लापरवाह नजर आते हैं. उन्होंने लिखा, "भारत में लोग प्रदूषण को गंभीरता से नहीं लेते. वे बिना मास्क के सड़कों पर घूमते हैं, जबकि यह सीधे स्वास्थ्य पर असर डालता है."
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए N95 मास्क पहनना, PM2.5 स्तर की निगरानी करना, और कार में यात्रा के दौरान वायु पुनःसंचरण को सक्रिय रखना कुछ महत्वपूर्ण उपाय हो सकते हैं.
निखिल कामथ के पॉडकास्ट से क्यों हुए थे बाहर?
ब्रायन जॉनसन पिछले साल दिसंबर में जब भारत आए थे, तब उन्होंने निखिल कामथ के 'WTF' पॉडकास्ट में हिस्सा लिया था. लेकिन खराब वायु गुणवत्ता का हवाला देते हुए वे बीच में ही इंटरव्यू से बाहर निकल गए. यह इंटरव्यू मुंबई के एक पांच सितारा होटल के कमरे में रिकॉर्ड किया जा रहा था, जहां AQI करीब 120 था.
उन्होंने बाद में बताया कि "कमरे में एयर प्यूरीफायर था, लेकिन बाहरी हवा लगातार अंदर आ रही थी, जिससे उसका कोई असर नहीं हो रहा था." उन्होंने यह भी कहा कि भारत में वायु प्रदूषण इतना आम हो चुका है कि लोग इसे नज़रअंदाज करने लगे हैं, जबकि इसके खतरनाक प्रभाव वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुके हैं.
'तीन दिन में ही एलर्जी हो गई' – ब्रायन जॉनसन
भारत में अपनी यात्रा के दौरान, ब्रायन जॉनसन को वायु प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, "भारत में यह मेरा तीसरा दिन था और मेरी त्वचा पर दाने निकल आए थे, आंखें और गला जलने लगा था."
उन्होंने चिंता जताई कि यहां छोटे बच्चे भी जन्म से ही प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग कोई बचाव के उपाय नहीं करते. उन्होंने मास्क न पहनने की प्रवृत्ति को भी 'भ्रामक' बताया और कहा कि यह प्रदूषण से बचाव का सबसे आसान तरीका है, लेकिन इसे भी नजरअंदाज किया जा रहा है.
ब्रायन जॉनसन का मानना है कि भारत में प्रदूषण के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "यह बहुत चिंताजनक है कि भारत में लोग प्रदूषण को सामान्य मान चुके हैं, जबकि यह स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है."