'पाकिस्तान की हर हरकत का मिलेगा मुंहतोड़ जवाब', अमेरिकी विदेश मंत्री को एस जयशंकर की दो टूक
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एस. जयशंकर और शहबाज शरीफ से बात कर तनाव कम करने की अपील की. यह पहल पाकिस्तान द्वारा भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमलों के बीच हुई. अमेरिका ने संवाद को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करने की बात दोहराई. अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ पर्यवेक्षक नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति के लिए सक्रिय भागीदार बना रहेगा.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता लगातार गहराती जा रही है. इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत की. उनका उद्देश्य स्पष्ट था. सीमाओं पर बढ़ रहे तनाव को जल्द से जल्द कम करना. हालांकि, एस जयशंकर ने मार्को रुबियो को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान की किसी भी हरकत का जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान की ओर से हमले
यह कूटनीतिक पहल ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान की ओर से भारत के सीमावर्ती इलाकों में लगातार उकसावे वाली गतिविधियां की जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में कई ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरें सामने आई हैं. इन हमलों ने न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी खतरा उत्पन्न कर दिया है.
अमेरिका ने जताई गहरी चिंता
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया, “विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की और दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.” उन्होंने बताया कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी और रचनात्मक बातचीत को बढ़ावा देने में दिलचस्पी रखता है.
संचार और संवाद पर बल
अमेरिका का मानना है कि संचार में पारदर्शिता और निरंतरता ही क्षेत्रीय शांति की कुंजी है. इसीलिए उन्होंने दोनों पक्षों को संवाद में सुधार और गलतफहमियों को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास करने को कहा है. अमेरिका का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह केवल पर्यवेक्षक नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार की भूमिका निभाना चाहता है.
आतंकवाद पर भारत के साथ
टैमी ब्रूस ने यह भी बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमले को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और भविष्य में भी इस लड़ाई में सहयोग जारी रहेगा.
क्षेत्रीय शांति की दिशा में प्रयास
इस पूरी बातचीत का सार यही है कि अमेरिका चाहता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी सैन्य संघर्ष की स्थिति से बचा जाए और कूटनीति के माध्यम से शांति कायम हो. दोनों देशों के पास बातचीत के रास्ते खुले रखने और तनाव को दूर करने का विकल्प अभी भी मौजूद है.