Air India प्लेन हादसे में जिंदा बचे व्यक्ति रमेश का एक और वीडियो आया सामने, कैसे दिया मौत को चकमा?
12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 270 लोग मारे गए. केवल विश्वाश कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवित बचे. हादसा टेकऑफ के 32 सेकंड बाद हुआ. रमेश इमरजेंसी सीट 11A पर थे और तुरंत बाहर निकल आए. घटना के बाद DGCA ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की विशेष जांच के आदेश दिए.

12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे में 270 लोगों की जान चली गई. लेकिन इस त्रासदी के बीच विश्वाश कुमार रमेश नाम का एक व्यक्ति ऐसा था, जिसने मौत के मुंह से निकलकर चमत्कारिक रूप से अपनी जान बचा ली. वे उस हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति हैं.
मौत से आमना-सामना
एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेक-ऑफ के महज 32 सेकंड बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई. यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान थी, जिसमें 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट सवार थे.
40 वर्षीय विश्वाश कुमार रमेश, जो ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं, विमान की सीट 11A पर बैठे थे. ये सीट इमरजेंसी एग्जिट के पास थी और यही उनकी जान बचाने में निर्णायक साबित हुई. रमेश के अनुसार, जब विमान इमारत से टकराया, तब इमरजेंसी गेट अपने-आप खुल गया और उन्होंने झटपट सीट बेल्ट खोलकर वहां से बाहर निकलने का प्रयास किया.
वीडियो फुटेज ने बढ़ाई उम्मीदें
दुर्घटना के तुरंत बाद का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रमेश सफेद टी-शर्ट पहने, एक हाथ में मोबाइल लिए धुएं के बीच से बाहर आते नजर आते हैं. स्थानीय लोग उन्हें दौड़कर अस्पताल लेकर गए. यह दृश्य इंटरनेट पर दिलों को छू गया और उनकी जीवित बचने की कहानी ने लाखों लोगों को आश्चर्य में डाल दिया.
અવિશ્વસનીય પરંતુ સત્ય!
— Sagar Patoliya (@kathiyawadiii) June 16, 2025
અમદાવાદ પ્લેન ક્રેશમાં ચમત્કારિક રીતે બચેલા રમેશ વિશ્વાસનો વધુ એક વિડિઓ સામે આવ્યો.
દુર્ઘટના થયા પછી હાથમાં ફોન સાથે ચાલીને બહાર નીકળ્યો રમેશ વિશ્વાસ. #AhmedabadPlaneCrash pic.twitter.com/94WDepkKjn
रमेश की आपबीती
एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में रमेश ने कहा, “मुझे अब भी समझ नहीं आता कि मैं कैसे बच गया. कुछ सेकंड तक तो लगा कि अब सब खत्म हो गया, लेकिन जब आंखें खोलीं तो देखा मैं जिंदा हूं.” उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त केबिन क्रू और यात्री उनके सामने ही जान गंवा रहे थे.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे हॉस्टल के अंदर गिरे थे, उन्होंने बताया कि वे शायद ग्राउंड फ्लोर के पास आकर गिरे थे, जहां से निकलने का रास्ता मिल गया. “अगर मैं दूसरी तरफ होता, तो शायद बाहर न आ पाता,” उन्होंने जोड़ा.
हादसे की गंभीरता और जांच
इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 270 लोग मारे गए. कई शवों की पहचान मुश्किल हो गई है और DNA जांच के जरिए उनकी पहचान की जा रही है. हादसे के बाद DGCA ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमानों की विशेष सुरक्षा जांच का आदेश दिया है.


