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ट्रेन से लापता हुई थी अर्चना तिवारी, नेपाल से मिली... जानिए क्यों रची खुद की अपहरण की साजिश, रेलवे SP ने किया बड़ा खुलासा

अर्चना तिवारी मामले में GRP ने खुलासा किया कि यह अपहरण नहीं, बल्कि शादी से बचने के लिए खुद अर्चना और उसके दोस्त सारांश द्वारा रची गई साजिश थी. दोनों ने गुमशुदगी की झूठी कहानी बनाई और नेपाल तक भाग गए. पुलिस ने तकनीकी जांच से उन्हें ट्रैक किया. आखिरकार अर्चना को काठमांडू से बुलाकर भोपाल लाया गया. मामला पूरी तरह से पारिवारिक दबाव और प्रेम संबंध से जुड़ा था.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Archana Tiwari Case : रेलवे पुलिस (GRP) ने अर्चना तिवारी मामले में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. GRP की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि यह कोई अपहरण नहीं, बल्कि खुद अर्चना और उसके दोस्त सारांश की सुनियोजित योजना थी. इस प्लानिंग का मकसद था शादी के दबाव से बचना.

अर्चना पर दबाव बना रहा था परिवार 
रेल एसपी ने बताया कि अर्चना तिवारी के लिए लगातार विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे, लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती थी. उसके परिवार वालों ने पटवारी के साथ उसका रिश्ता तय कर दिया था और उस पर पढ़ाई छोड़कर शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था. अर्चना इस सब से परेशान थी और इसीलिए उसने एक योजना बनाई.

इंदौर में हुई थी अर्चाना और सारांश में दोस्ती 

अर्चना की दोस्ती इंदौर में शुजालपुर निवासी सारांश से हुई थी. दोनों एक ही ट्रेन से यात्रा कर रहे थे और इसी दौरान गुमशुदगी की योजना तैयार की गई. पहले उन्होंने भागने का प्लान बनाया था, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया और पुलिस को गुमराह करने के लिए गुमशुदगी की कहानी बनाई गई.

CCTV से बचने के लिए आउटर पर उतरी अर्चना 
GRP के अनुसार, अर्चना और सारांश ने उन जगहों को चुना जहां CCTV नहीं था. इटारसी स्टेशन से अर्चना B3 कोच से निकलकर A2 कोच में गई और आउटर से स्टेशन छोड़ दिया, जहां कोई कैमरा नहीं था. एक व्यक्ति तेजन्दर ने उसे कपड़े दिए और उसका मोबाइल जंगल में फेंकवा दिया, ताकि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक न कर सके.

अर्चना ने मोबाइल बंद कर किया गुमराह 
अर्चना ने जानबूझकर ट्रेन में अपना सामान छोड़ दिया, जिससे लगे कि वह गिर गई है या लापता हो गई है. मोबाइल भी जंगल के पास बंद हुआ, जिससे GRP को शक हुआ. हालांकि वह सारांश से व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में थी, जिससे CDR रिकॉर्ड नहीं मिल पाए.

मीडिया के डर से भागे सीमा पार...
सारांश और अर्चना ने पहले हैदराबाद जाने की योजना बनाई, फिर जोधपुर से दिल्ली होकर बस के जरिए नेपाल के काठमांडू पहुंच गए. मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद उन्होंने राज्य छोड़ने का फैसला किया था. रास्ते में उन्होंने नया मोबाइल भी खरीदा और टोल बचाने के लिए अलग-अलग रूट अपनाए.

सारांश की गिरफ्तारी से खुला राज
सारांश ने खुद को छिपाने के लिए पुराना मोबाइल इंदौर में छोड़ दिया था. पुलिस ने IP एड्रेस के आधार पर उसे ट्रैक किया और पूछताछ में सारी सच्चाई सामने आ गई. सारांश ने अर्चना से बात करवाई और फिर उसे नेपाल बॉर्डर तक बुलाकर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. इसके बाद उसे दिल्ली होते हुए फ्लाइट से भोपाल लाया गया.

अर्चना ने की पहचान छुपाने की कोशिश
पूछताछ में सामने आया कि अर्चना घर में ‘सपना’ नाम से जानी जाती थी और वही नाम बाहर भी इस्तेमाल कर रही थी, ताकि लोग उसकी असली पहचान न जान सकें. सारांश की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को पूरा घटनाक्रम समझ में आया.

GRP की जांच और फॉलोअप कार्रवाई
GRP की टीम ने दिल्ली जाकर तिहाड़ जेल में तेजन्दर से भी पूछताछ की, जो एक फ्रॉड केस में पहले से गिरफ्तार था. पूरी जांच में कई तकनीकी पहलुओं का सहारा लिया गया, जैसे कॉल डिटेल्स, IP एड्रेस, सीसीटीवी फुटेज और संदिग्धों की आवाजाही का विश्लेषण.

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20 August 2025, 05:28 PM IST

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