Axiom-4 Mission: 7 में से 4 माइक्रोग्रैविटी परीक्षण पूरे, शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को करेंगे अनडॉक!
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस समय Axiom-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं. उन्होंने इसरो के नेतृत्व में किए जा रहे सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों में से चार सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं. इसरो के अनुसार, शुक्ला 14 जुलाई को दोपहर 4:35 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक कर सकते हैं.

Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नेतृत्व में किए जा रहे सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों में से चार को अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. शुभांशु वर्तमान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 (Ax-4) मिशन का हिस्सा हैं और बाकी बचे तीन प्रयोगों को भी अंतिम चरण में पहुंचा दिया गया है.
इसरो ने पुष्टि की है कि शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को दोपहर 4:35 बजे आईएसएस से अनडॉक कर सकते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ये प्रयोग अब धरती पर और गहन विश्लेषण के लिए भेजे जा रहे हैं.
पूरे किए गए 4 अहम प्रयोग
इसरो ने कहा, "इन प्रयोगों को अब आगे के विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर वापस लाने के लिए पैक किया जा रहा है."
-
टार्डिग्रेड्स (बेंगलुरु स्ट्रेन): इस प्रयोग में माइक्रोग्रैविटी के वातावरण में टार्डिग्रेड्स (सूक्ष्म जीवों) के जीवन, पुनर्जीवन, प्रजनन और जीन अभिव्यक्ति में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया गया.
-
मायोजेनेसिस: यह प्रयोग यह जानने के लिए किया गया कि अंतरिक्ष की स्थिति मनुष्यों की मांसपेशियों की कोशिकाओं के विकास को कैसे प्रभावित करती है.
-
मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण: यह प्रयोग इन बीजों के स्प्राउटिंग व्यवहार का अध्ययन करता है, जिसका भविष्य में अंतरिक्ष में पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए उपयोग हो सकता है.
-
सायनोबैक्टीरिया: इसमें दो किस्मों के सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि को ट्रैक किया गया, जिससे यह समझा जा सके कि ये भविष्य में क्लोज्ड-लूप लाइफ सपोर्ट सिस्टम्स में कैसे उपयोगी हो सकते हैं.
अंतिम चरण में पहुंच चुके तीन प्रयोग
-
माइक्रोएल्गी (Microalgae): इस प्रयोग में यह जांचा जा रहा है कि माइक्रोएल्गी अंतरिक्ष में कितनी जीवित रह सकती है और इसका क्या संभावित उपयोग हो सकता है.
-
फसल बीज (Crop Seeds): यह अध्ययन यह समझने के लिए किया जा रहा है कि फसल के बीज माइक्रोग्रैविटी की परिस्थितियों में किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं.
-
वॉयेजर डिस्प्ले (Voyager Display): इस प्रयोग के बारे में फिलहाल विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन यह वैज्ञानिक पेलोड का हिस्सा है और इसका भी पृथ्वी पर विश्लेषण किया जाएगा.
शुभांशु की वापसी पर टिकी निगाहें
अब जब 7 में से 4 प्रयोग पूरे हो चुके हैं और बाकी तीन अंतिम चरण में हैं, तो सभी की निगाहें शुभांशु शुक्ला की वापसी पर टिकी हैं. उम्मीद है कि 14 जुलाई को वे ISS से अनडॉक कर धरती की ओर प्रस्थान करेंगे.


