Axiom-4 Mission: आज ISS से जुड़ेगा स्पेसक्राफ्ट, भारत के शुभांशु शुक्ला की अहम भूमिका
भारत के लिए अंतरिक्ष की दुनिया में एक और गौरवपूर्ण क्षण आने वाला है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर docking के लिए तैयार हैं.

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर इतिहास रचने जा रहे हैं. Axiom Space के ऐतिहासिक Axiom-4 मिशन का स्पेसक्राफ्ट 26 जून को ISS पर डॉक करने वाला है, जो 14 दिवसीय अंतरिक्ष अभियान की औपचारिक शुरुआत करेगा. इस मिशन में शुक्ला एक मिशन पायलट के रूप में न केवल भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी प्रदर्शन में भी प्रमुख भूमिका निभाएंगे.
25 जून को नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया गया. इस मिशन को पहले ही काफी देरी का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब यह तय समय पर आज अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने जा रहा है.
सुबह 7 बजे से दोपहर तक डॉकिंग की उम्मीद
NASA, Axiom Space और SpaceX के अनुसार, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) के बीच डॉक करने की संभावना है. डॉकिंग हार्मनी मॉड्यूल के स्पेस-फेसिंग पोर्ट पर की जाएगी.
‘शक्स’ की भूमिका होगी निर्णायक
शुभांशु शुक्ला, जिन्हें उनकी टीम में 'शक्स' के नाम से जाना जाता है, डॉकिंग प्रक्रिया के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. एक मिशन पायलट के रूप में शुक्ला को ड्रैगन यान की कक्षा, प्रक्षेप पथ और अंतरिक्ष स्टेशन की स्थिति की बारीकी से निगरानी करनी होगी ताकि डॉकिंग बिल्कुल सटीक और सुरक्षित हो सके.
अंतरिक्ष में होंगे 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग
डॉकिंग के बाद Axiom-4 मिशन के सदस्य माइक्रोग्रैविटी से जुड़े करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. इनमें से सात प्रयोग शुभांशु शुक्ला के जिम्मे होंगे. NASA ने बताया कि इन प्रयोगों में स्वास्थ्य, बायोलॉजी, सामग्री विज्ञान और इनोवेटिव तकनीकों पर आधारित अध्ययन शामिल हैं.
ISRO और NASA की साझेदारी
मिशन के दौरान NASA और ISRO मिलकर पांच संयुक्त विज्ञान जांच और दो STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) इन-ऑर्बिट प्रदर्शन में भी हिस्सा लेंगे. यह साझेदारी भारत-अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करेगी और भारत के युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा बनेगी.
मिशन में शामिल हैं ये अंतरिक्ष यात्री
Axiom-4 मिशन के चार सदस्यीय दल में भारत से शुभांशु शुक्ला के अलावा:
पैगी व्हिटसन (अमेरिका) – मिशन कमांडर
सावोज़ उज्नास्की-विनीवस्की (पोलैंड) – मिशन विशेषज्ञ
टिबोर कापू (हंगरी) – मिशन विशेषज्ञ
भारत के लिए गौरव का क्षण
Axiom-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला की भागीदारी भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है. यह मिशन सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की मजबूत होती उपस्थिति का प्रतीक है. भारत के युवा वैज्ञानिकों और छात्रों के लिए यह मिशन एक नई उम्मीद लेकर आया है.


