DU में दिलजीत दोसांझ के शो से पहले बड़ा फैसला, अब यूनिवर्सिटी में नहीं बजेगा तेज म्यूजिक
दिल्ली यूनिवर्सिटी में फेस्ट सीजन के दौरान तेज म्यूजिक से पढ़ाई में आ रही बाधा को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है. कुलपति ने ध्वनि स्तर तय करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का ऐलान किया है ताकि अनुशासन और शिक्षा दोनों कायम रहे.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में इन दिनों फेस्ट सीजन जोरों पर है. अलग-अलग कॉलेज में बड़े कलाकारों के लाइव कॉन्सर्ट हो रहे हैं और सबसे ज्यादा चर्चा दिलजीत दोसांझ जैसे पॉपुलर स्टार्स की धमाकेदार परफॉर्मेंस की हो रही है. इसे लेकर छात्रों में काफी उत्साह है. लेकिन दूसरी ओर शिक्षकों और कुछ छात्रों ने कैंपस में तेज आवाज में संगीत से पढ़ाई में बाधा और अनुशासन के टूटने की शिकायत की है. खास तौर पर दिलजीत जैसे हाई-एनर्जी स्टार्स के शो में संगीत इतना तेज बजता है कि उसकी गूंज क्लासरूम तक पहुंच जाती है.
अब विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया है. कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा है कि एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी जो तय करेगी कि कॉलेजों और विश्वविद्यालय परिसर में कितने डेसिबल की आवाज में संगीत बजाया जा सकता है. इससे छात्रों को मनोरंजन भी मिलेगा और पढ़ाई का माहौल भी खराब नहीं होगा.
फेस्ट के म्यूज़िक पर होगा नियंत्रण
प्रशासन ने ये भी तय किया है कि उत्सव के दौरान बजने वाले संगीत की ध्वनि का स्तर नियंत्रित किया जाएगा. विशेषज्ञ तय करेंगे कि कितने डेसिबल की ध्वनि की अनुमति होगी ताकि शैक्षणिक और आवासीय क्षेत्रों में पढ़ाई बाधित ना हो.
जाति आधारित संगठनों को नहीं मिलेगा मंच
इसके साथ ही जाति आधारित छात्र संगठनों को अब कैंपस में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं होगी. ये निर्देश जल्द ही सभी कॉलेजों और विभागों को भेज दिए जाएंगे. हाल ही में सीपीडीएचई भवन में आयोजित जाट सम्मेलन के दौरान तेज संगीत बजाकर कक्षाएं बाधित की गई. कई प्रोफेसरों ने इसकी शिकायत की. इसी तरह होली मिलन कार्यक्रम में भी स्थिति बेकाबू हो गई थी और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था.
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्ती जारी
पिछले साल छेड़छाड़ की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 18 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें प्री-रजिस्ट्रेशन, पुलिस एनओसी और सुरक्षा एजेंसियों की अनुमति अनिवार्य की गई थी. अब इसी दिशा में और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में जहां एक ओर फेस्ट का रंगीन माहौल है, वहीं अब अनुशासन और शिक्षा का संतुलन बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. आने वाले समय में छात्रों को मनोरंजन भी मिलेगा और पढ़ाई में खलल भी नहीं पड़ेगा.