Bihar election 2025: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर तकरार! 60 सीटों पर उम्मीदवार उतारने को तैयार कांग्रेस
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी है. कांग्रेस ने 60 सीटों पर प्रत्याशी तय करने की तैयारी कर ली है. राजद और कांग्रेस में पसंदीदा सीटों को लेकर टकराव है. कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को सीटों के बराबर त्याग का फार्मूला सुझाया है.

Bihar election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही प्रदेश की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है. जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है, वहीं विपक्षी महागठबंधन में अब भी सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है. इस बीच, कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक सोमवार को नई दिल्ली में होने जा रही है.
कांग्रेस आज तय करेगी अपने प्रत्याशी
कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार, यदि सोमवार तक महागठबंधन में सीट बंटवारे का समाधान नहीं निकलता है, तो पार्टी अपनी तय की गई 60 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी. पार्टी का कहना है कि पहले चरण के नामांकन के लिए अब महज पांच दिन बचे हैं, और ऐसे में उम्मीदवारों को तैयारी का भी पर्याप्त समय देना जरूरी है. इसी उद्देश्य से कांग्रेस के शीर्ष नेता राज्य अध्यक्ष राजेश राम, प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, विधानसभा नेता शकील अहमद खान और विधान परिषद दल नेता मदन मोहन झा दिल्ली में बैठक में शामिल होने पहुंच चुके हैं.
स्क्रीनिंग कमेटी कर चुकी है पैनल तैयार
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी पहले ही लगभग 74 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर चुकी है. आज की बैठक में इनमें से 60 सीटों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी. यदि महागठबंधन में समझौता नहीं होता, तो कांग्रेस कुछ अतिरिक्त सीटों पर भी अपने उम्मीदवार घोषित कर सकती है.
सीट बंटवारे में आपसी टकराव
महागठबंधन में खींचतान की मुख्य वजह कांग्रेस की कुछ पसंदीदा सीटों को लेकर है. पहले कांग्रेस 55 सीटों के आसपास समझौते को तैयार थी, लेकिन बदले में उसने अपनी पसंद की सीटें मांगी थीं. हालांकि, राजद ने इनमें से कुछ पर दावा ठोक दिया, जिनमें कहलगांव, राजापाकर और वैशाली प्रमुख हैं. जवाब में कांग्रेस ने सीमांचल की कुछ और सीटें मांगीं, जिससे मामला और उलझ गया.
नया फार्मूला तेजस्वी के समक्ष
महागठबंधन में वीआईपी और वाम दलों की बढ़ती सीट मांग के बीच कांग्रेस ने तेजस्वी यादव के समक्ष एक नया प्रस्ताव रखा है. फार्मूले के अनुसार, जितने प्रतिशत सीटें कांग्रेस छोड़ेगी, उतनी ही संख्या में राजद को भी त्याग करना होगा. साथ ही यदि कांग्रेस को संख्या में अधिक कटौती करनी पड़ती है, तो उसे पसंद की सीटें दी जानी चाहिए.
2020 के आंकड़ों से तुलना
गौरतलब है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं. इस बार घटक दलों की संख्या बढ़ने के कारण सभी को समायोजित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है. कांग्रेस का तर्क है कि अगर वीआईपी और वाम दलों को अधिक सीटें दी जाती हैं, तो राजद को भी बराबर समझौता करना होगा.


