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Ayodhyanama: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने दी जानकारी, जानें कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल

Ayodhyanama: अगले साल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला का होगा भव्य प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर के गर्भ गृह के अंदर मात्र पांच लोग ही मौजूद रहेंगे. इन पांच लोगों में मुख्य अर्चक आचार्य सतेंद्र दास जी भी शामिल रहेंगे.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: अगले साल उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला का होगा भव्य प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर के गर्भ गृह के अंदर मात्र पांच लोग ही मौजूद रहेंगे. इन पांच लोगों में आचार्य सतेंद्र दास जी भी शामिल रहेंगे. आचार्य सतेंद्र दास तब से रामलला का पूजन-अर्चन करते आ रहे हैं जब से यह विवाद चला आ रहा है. हालांकि, अब विवाद खत्म होने के साथ ही यहां भव्य मंदिर के निर्माण का सपना भी साकार होने जा रहा है. ऐसे में मीडिया से बातचीत करते हुए आचार्य सतेंद्र दास प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम को लेकर विस्तृत जानकारी दी है. आइए जानते हैं कि उन्होंने और क्या कहा? 

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में आयोजित भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सबसे पहले देवी-देवताओं की शांती के लिए पूजा-अर्चना किया जाएगा. उसके बाद नौ ग्रहों की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान के तहत एक-एक ग्रहों की पूजा होगी.

'प्राण प्रतिष्ठा से पहले होगा मूर्ति भ्रमण'

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस खास मौके पर नौ ग्रहों की पूजा के बाद पृथ्वी की पूजा, इसके अलावा सभी दिशाओं के देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार के विघ्न प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए. मूर्ति भ्रमण के सवाल पर सत्येंद्र दास ने कहा कि मूर्ति भ्रमण होनी चाहिए. हर एक नई मूर्ति की एक प्रक्रिया होती है. जिसे नगर भ्रमण कहते हैं, उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की प्रकिया शुरू होगी. 

क्या है प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटाने की प्रक्रिया?

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मूर्ति की आंखों से पट्टी हटाने की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी देते हुए सत्येंद्र दास ने बताया कि मूर्ति की आंखों से पट्टी बगल से हटाया जाता न की सामने जाकर. उन्होंने ये भी बताया कि जैसे ही आंखों से पट्टी खुलता है वैसे ही शीशा दिखाया जाता है. उसके बाद अंजन लगाया जाता है. जो कि सोने के सलाके की मदद से लगाया जाएगा.

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28 December 2023, 11:51 PM IST

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