"क्या मेरी सियासत इतनी सस्ती है?" : सीएम उमर ने जेके राज्य की मांग पर दिया बड़ा बयान
मुख्यमंत्री उमर ने राज्य के दर्जे के मुद्दे को अलग से सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया और भविष्य में इसे आगे बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह पहलगाम आतंकवादी हमले की घटना का इस्तेमाल केंद्र से जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने के लिए नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह पहलगाम आतंकवादी हमले की घटना का इस्तेमाल केंद्र से जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने के लिए नहीं करेंगे. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस त्रासदी का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा. पहलगाम के बाद, मैं कैसे केंद्र से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं?
मेरी राजनीति इतनी सस्ती नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि क्या मेरी राजनीति इतनी सस्ती है? मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह उनके लिए शर्मनाक होगा अगर वह केंद्र से कहें कि 26 लोग मारे गए हैं. अब मुझे राज्य का दर्जा दे दिया जाए. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक शामिल थे. इस हमले को देश और दुनिया भर में व्यापक निंदा और आक्रोश का सामना करना पड़ा.
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने आगे कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद के खिलाफ जनता के अभियान को और मजबूत करेगी, क्योंकि उनका मानना है कि इसे केवल जनता के समर्थन से ही हराया जा सकता है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सरकार को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे जनता और सरकार के बीच दूरी बढ़े.
आतंकवाद और उग्रवाद
उन्होंने कहा कि जब लोग हमारे साथ होंगे तो आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म किया जा सकता है. यदि हम सही कदम उठाते हैं, तो यह आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत होगी. अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि किसी भी कदम को इस प्रकार से नहीं उठाना चाहिए कि लोग सरकार से अलग-थलग महसूस करें. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने श्रीनगर की जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज से पहले दो मिनट का मौन रखने का भी प्रस्ताव रखा, ताकि हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके.


