score Card

युद्धविराम के पीछे छिपी है 2016 और 2019 की सियासी कहानी...कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर मोदी सरकार के खिलाफ तीखा हमला बोला है, विशेष रूप से अमेरिका की कथित मध्यस्थता और युद्धविराम की शर्तों पर सवाल उठाते हुए. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने 2016 और 2019 की घटनाओं से राजनीतिक लाभ उठाया और अब ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का श्रेय ले रही है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि युद्धविराम के पीछे अमेरिका की कथित मध्यस्थता और पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला. इसके अलावा, पार्टी ने यह भी सवाल किया है कि अचानक युद्धविराम की घोषणा क्यों की गई और क्या इस प्रक्रिया में भारत के हितों को ध्यान में रखा गया. कांग्रेस संसद के विशेष सत्र की मांग कर रही है, ताकि इस मुद्दे पर पूरी पारदर्शिता सामने आए.

कांग्रेस का रुख अचानक आक्रामक क्यों?

कांग्रेस का आक्रामक रुख उस समय सामने आया जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद, मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की. कांग्रेस ने कहा कि सीजफायर के पीछे अमेरिका की भूमिका पर शक जताते हुए मोदी सरकार से इस पर जवाब मांगा है. पार्टी यह भी जानना चाहती है कि क्या पाकिस्तान ने आतंकवादी ढांचे को समाप्त करने के लिए कोई ठोस आश्वासन दिया था, जिसके कारण यह अचानक युद्धविराम हुआ.

2016 और 2019 की घटनाओं से जुड़ी सियासी कहानी

कांग्रेस का यह आक्रमक रुख 2016 और 2019 की घटनाओं से जुड़ा हुआ है. 2016 में उरी अटैक के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक से बीजेपी को सियासी फायदा हुआ था. इन घटनाओं को देखते हुए कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है.

अमेरिका की भूमिका पर कांग्रेस का सवाल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सीजफायर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. कांग्रेस का यह सवाल है कि क्या अमेरिका की मध्यस्थता से पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को खत्म करने का कोई ठोस आश्वासन मिला था, जिसके बाद यह अचानक युद्धविराम हुआ. पार्टी का कहना है कि भारत को पाकिस्तान से कोई निर्णायक कदम उठाने का वादा नहीं मिला, फिर भी सीजफायर क्यों हुआ, इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है.

मोदी सरकार पर हमला

कांग्रेस इस मुद्दे पर इंदिरा गांधी के नेतृत्व का हवाला देते हुए मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत को इंदिरा गांधी की कमी महसूस हो रही है. सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिका की आंखों में आंख डालकर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर विश्व का भूगोल बदल दिया था…ऐसी थीं इंदिरा गांधी. कांग्रेस का कहना है कि इंदिरा गांधी के साहस से सीख लेते हुए मोदी सरकार को पाकिस्तान के साथ युद्धविराम के मुद्दे पर स्पष्टता देनी चाहिए.

पीएम मोदी और ऑपरेशन सिंदूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजफायर की घोषणा के बाद अपनी बात रखते हुए पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया. पीएम ने आदमपुर एयरबेस पर विमान उतारकर पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी, जहां पाकिस्तान दावा कर रहा था कि उसने भारतीय सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया है. मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद और पीओके पर सख्त चेतावनी दी और भारतीय सेना की ताकत को पूरे विश्व के सामने रखा.

बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी मुकाबला

बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर सियासी खेल और तेज हो गया है. बीजेपी ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और कांग्रेस इस पर सवाल उठाकर मोदी सरकार को राजनीतिक दबाव में लाने की कोशिश कर रही है. सीजफायर के बाद मोदी सरकार ने तिरंगा यात्रा निकालने और सियासी माहौल बनाने की कोशिश की, जिससे कांग्रेस ने अमेरिका की मध्यस्थता के बहाने सरकार पर आक्रमण किया है.

calender
14 May 2025, 04:07 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag