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डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना अब नहीं मिलेगा कफ सिरप, जानें क्यों लिया गया ऐसा फैसला?

भारत में कफ सिरप से जुड़े लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने अब फैसला लिया है कि डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना अब कफ सिरप नहीं मिलेगा.

नई दिल्ली: देश में कफ सिरप से जुड़े लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. अब देशभर में दवा विक्रेता बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के कफ सिरप नहीं बेच सकेंगे. हाल के दिनों में मध्य प्रदेश और कई अन्य राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौतों के मामले सामने आए थे, जिसके बाद सरकार ने इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से लिया और कफ सिरप की अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया. 

कफ सिरप की बिक्री पर सरकार की सख्ती क्यों?

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा समेत कई क्षेत्रों में बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिला दिया था. बताया गया कि 'कोल्ड्रिफ' सिरप पीने के बाद बच्चों के गुर्दे खराब हो गए थे, जिससे कई बच्चों ने दम तोड़ दिया. राजस्थान और गुजरात में भी ऐसे ही मामले दर्ज हुए. इन घटनाओं के बाद यह साफ हो गया कि बिना नियमन के बिकने वाले कफ सिरप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं.

इसके बाद औषध परामर्श समिति की 67वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कफ सिरप को ओवर द काउंटर दवाओं की सूची से हटा दिया जाए. यानी अब इसे किसी भी हालत में बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खरीदा जा सकेगा. 

विदेशों में भारत की छवि हुई खराब 

कफ सिरप से जुड़े हादसों के कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना का सामना करना पड़ा. उज्बेकिस्तान में भारतीय सिरप के सेवन से 68 बच्चों की मौत हुई और कई लोगों को सजा सुनाई गई. वहीं इंडोनेशिया में 2022-23 के बीच 200 से अधिक बच्चों की जान गई. गाम्बिया में भी ऐसे मामले सामने आए थे. 

इन घटनाओं के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बनी कई संदिग्ध दवाओं की पहचान की, जिनमें कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ शामिल थीं. इससे भारत की दवा उद्योग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए.

सरकार का लक्ष्य 

अब सरकार चाहती है कि लोग डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का इस्तेमाल न करे, खास कर कफ सिरप. ऐसा करने से कफ सिरप के गलत उपयोग और नशे की आदत पर रोक लगेगी. इसके अलावा अनावश्यक एंटीबायोटिक सेवन कम होगा, जिससे बैक्टीरिया में बढ़ रही प्रतिरोधक क्षमता (एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस) पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. सरकार का मानना है कि दवाओं का उपयोग केवल विशेषज्ञ की सलाह से ही सुरक्षित रूप से किया जा सकता है.

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29 November 2025, 04:24 PM IST

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