दिल्ली में ओवरएज गाड़ियों पर सख्ती? 78 में से सिर्फ 7 ही जब्त, सवालों के घेरे में सिस्टम!
1 जुलाई से दिल्ली में ओवरएज वाहनों पर सख्ती शुरू हो गई है. बुधवार को 78 पुराने वाहनों की पहचान हुई, लेकिन सिर्फ 7 ही जब्त किए गए. बाकी 71 गाड़ियों के पास NOC था. इससे पहले मंगलवार को 80 ओवरएज वाहनों पर कार्रवाई की गई थी.

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने 1 जुलाई 2025 से ओवरएज यानी अधिक उम्र के वाहनों पर बड़ी सख्ती लागू कर दी है. अब 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को न तो पेट्रोल-डीजल मिलेगा और न ही सड़कों पर चलने की अनुमति. मंगलवार से यह आदेश प्रभावी हो गया है, लेकिन बुधवार को इसके पालन को लेकर कई सवाल उठे.
नई व्यवस्था के तहत दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ओवरएज वाहनों को ईंधन न दें. सीसीटीवी कैमरों की मदद से मंगलवार और बुधवार को ओवरएज वाहनों की निगरानी की गई. बुधवार को 78 ऐसे वाहन कैमरे में कैद हुए, लेकिन केवल 7 गाड़ियों को ही जब्त किया गया. इनमें से एक वाहन परिवहन विभाग ने, तीन दिल्ली पुलिस और तीन एमसीडी ने जब्त किए.
कैमरों में 78 गाड़ियां कैद, जब्त सिर्फ 7
अधिकारियों के मुताबिक, बाकी वाहनों के पास NOC यानी नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट था, जिसकी वजह से उन्हें छोड़ा गया. मंगलवार को 80 ओवरएज वाहन जब्त किए गए थे, जिनमें 67 दोपहिया और 12 चारपहिया वाहन शामिल थे.
पेट्रोल पंपों पर कम हो गई गाड़ियों की संख्या
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने बताया कि आदेश के बाद पेट्रोल पंपों पर वाहनों की संख्या में गिरावट देखी गई है. बुधवार को पंपों पर काफी सन्नाटा रहा. उन्होंने माना कि पहले दिन कुछ तकनीकी परेशानियां आई थीं, जिन्हें अब काफी हद तक दूर कर लिया गया है, लेकिन कैमरा प्लेसमेंट में अब भी सुधार की जरूरत है.
सिर्फ ओवरएज नहीं, खराब वाहन भी बढ़ाते हैं प्रदूषण
कई पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि केवल अधिक उम्र वाले वाहन ही प्रदूषण नहीं फैलाते. अगर किसी पुराने वाहन का रखरखाव ठीक है, तो वह कम प्रदूषण करता है. इसके विपरीत, नया वाहन अगर खराब स्थिति में है तो वह भी अधिक प्रदूषण फैला सकता है. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि अब NCR से दिल्ली आकर ईंधन भरवाने वाले ओवरएज वाहनों की संख्या बढ़ सकती है.
स्क्रैपिंग और AAP की आपत्ति
2023 में 22,000 और 2024 में 39,000 ओवरएज वाहन जब्त कर स्क्रैपिंग के लिए भेजे गए. नियमों के तहत सीएनजी वाहनों को फिलहाल राहत दी गई है. आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को जनविरोधी और “तुगलकी फरमान” बताते हुए सरकार की आलोचना की है.


