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दिल्ली फिर डूबी जहरीली धुंध में! AQI 400 के पार, स्मॉग से सड़कें गायब, लोग घरों में कैद

दिल्ली की हवा अब जहरीली सांस बन चुकी है. आज सुबह AQI 390 दर्ज हुआ था, जो अब बढ़कर 433 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. आसपास के इलाकों में भी धुंध और प्रदूषण का कहर जारी है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे इलाकों में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंचता जा रहा है. शुक्रवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 दर्ज किया गया था, जो कुछ ही घंटों में बढ़कर 433 तक पहुंच गया. यह स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब माना जाता है, जहां लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत होती है.

प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने हालात को और बिगाड़ दिया है. मौसम विभाग (IMD) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. ठंड, स्मॉग और धीमी हवाओं के चलते राजधानी में लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है और सांस लेना तक मुश्किल हो गया है.

इन इलाकों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि कई इलाकों में हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ‘समीर ऐप’ के अनुसार, दिल्ली के 19 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI गंभीर स्तर पर दर्ज किया गया है.

सुबह के समय आनंद विहार में सबसे अधिक AQI 457 रिकॉर्ड किया गया. वहीं नोएडा की स्थिति और भी चिंताजनक रही, जहां AQI 419 तक पहुंच गया. गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही और यहां AQI 352 दर्ज किया गया. इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए खुले में सांस लेना तक चुनौती बन गया है.

ठंड, स्मॉग और कोहरे का खतरनाक मेल

दिल्ली में प्रदूषण के साथ ठंड का असर भी साफ नजर आ रहा है. तापमान गिरने के साथ हवा की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. इसका सीधा असर यह हुआ है कि प्रदूषक कण हवा में ही फंसे रह जा रहे हैं और नीचे नहीं बैठ पा रहे हैं. सुबह के समय घना कोहरा दृश्यता को बेहद कम कर रहा है, जिससे सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित हो रहा है. स्मॉग और कोहरे का यह खतरनाक मेल लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन चुका है.

प्रदूषण पर काबू के लिए सख्ती

प्रशासन ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं. बिना PUC प्रमाणपत्र वाले वाहनों को ईंधन नहीं दिया जा रहा है. इसके अलावा, कुछ गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक भी लगाई गई है. आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है, जिसकी हिस्सेदारी 16.22 प्रतिशत है. इसके बाद औद्योगिक इकाइयां 8.4 प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानी जा रही हैं.

 राहत की उम्मीद

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल मौसम में किसी बड़े बदलाव के संकेत नहीं हैं. आने वाले करीब सात दिनों तक सुबह के समय घना कोहरा और खराब हवा बनी रह सकती है. ऐसे में लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को बाहर निकलने से बचने और जरूरी एहतियात अपनाने के निर्देश दिए गए हैं.

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