धनखड़ ने हमेशा सरकार का पक्ष लिया... उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर बोले खड़गे, ये PM मोदी और उनके बीच का मामला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे का कारण उन्हें पता नहीं है और यह मामला उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच का है. उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ ने राज्यसभा अध्यक्ष रहते विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया. धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था, जिससे राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस फैसले की असली वजह की जानकारी नहीं है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और धनखड़ के बीच का है. खड़गे ने यह भी दावा किया कि बतौर राज्यसभा अध्यक्ष रहते हुए, धनखड़ ने हमेशा सरकार का पक्ष लिया और विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया.
धनखड़ सरकार के साथ खड़े रहे
राज्यसभा में नहीं दी गई विपक्ष को आवाज
खड़गे ने कहा कि जब विपक्ष ने महिला उत्पीड़न, दलितों पर अत्याचार, सांप्रदायिक हिंसा जैसे मामलों पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिए, तो उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में धनखड़ ने कोई मौका नहीं दिया. उनके अनुसार, विपक्ष की आवाज़ को बार-बार दबाया गया और केवल सरकार के पक्ष को ही प्राथमिकता दी गई.
धनखड़ का इस्तीफा और स्वास्थ्य का हवाला
धनखड़ ने 21 जुलाई की शाम को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वह अब अपनी सेहत को प्राथमिकता देना चाहते हैं. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर यह सूचना दी. इस अचानक फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है कि क्या इसके पीछे कोई और कारण है.
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर नहीं बोले खड़गे
इसी दौरान जब खड़गे से कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने टालते हुए कहा कि "इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, समय आने पर बात करेंगे." फिलहाल कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, और कई नेता चाहते हैं कि वे इन दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक को छोड़ दें.
इस्तीफे के पीछे क्या है असली वजह?
धनखड़ के इस्तीफे को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. विपक्ष जहां इसे सरकार और उपराष्ट्रपति के बीच अंदरूनी मतभेद बता रहा है, वहीं आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया है. खड़गे ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया, साथ ही भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी लगाया.


