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ऑनलाइन विदेशी डिग्री के झांसे में न फंसें... UGC ने छात्रों को किया सावधान, कहा- खतरे में पड़ सकता है भविष्य

भारत में कई संस्थान और एडटेक कंपनियाँ बिना उचित यूजीसी मान्यता के विदेशी विश्वविद्यालयों से डिग्रियाँ प्रदान कर रही हैं, जिससे व्यापक धोखाधड़ी हो रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों को सावधान रहने और नामांकन से पहले विदेशी सहयोग की वैधता की पुष्टि करने की चेतावनी दी है. ये गैर-मान्यता प्राप्त डिग्रियाँ भारत में मान्य नहीं हैं और छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल सकती हैं. यूजीसी ने घोटालों से बचने के लिए आधिकारिक सूचियों की जाँच करने और भ्रामक विज्ञापनों से बचने का आग्रह किया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

आजकल छात्रों के बीच विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डिग्री लेने का चलन काफी बढ़ गया है. लोग इसे बेहतर करियर और अंतरराष्ट्रीय पहचान का रास्ता मानते हैं. लेकिन इसी ट्रेंड का फायदा उठाकर कुछ संस्थान और कंपनियां छात्रों को गुमराह कर रही हैं. ये संस्थान विदेशी विश्वविद्यालयों से साझेदारी (कोलैबोरेशन) का दावा करके ऐसे डिग्री और डिप्लोमा कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिन्हें भारत में मान्यता नहीं मिली है.

यूजीसी की सख्त चेतावनी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर चेतावनी दी है. यूजीसी ने साफ कहा है कि जिन विदेशी विश्वविद्यालयों को आयोग से मान्यता नहीं मिली है, उनके साथ मिलकर दिए गए डिग्री या डिप्लोमा भारत में वैध नहीं माने जाएंगे. साथ ही, छात्रों को आगाह किया गया है कि वे किसी भी कोर्स में दाखिला लेने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल कर लें.

अवैध गठजोड़ से छात्रों का भविष्य खतरे में
यूजीसी ने बताया कि कई भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने कुछ विदेशी संस्थानों या एजुकेशनल प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी कर ली है. इन गठबंधनों के जरिए ये संस्थान "जॉइंट डिग्री", "डुअल डिग्री" या "विदेशी सर्टिफिकेट" देने का दावा करते हैं, जबकि ये सभी अवैध माने जाते हैं अगर उनकी मान्यता यूजीसी के पास नहीं है. इससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है, क्योंकि इन डिग्रियों की कोई कानूनी वैधता नहीं होती.

ऑनलाइन एडटेक कंपनियों का जाल
यूजीसी ने यह भी कहा है कि कई एडटेक कंपनियां ऑनलाइन कोर्सेज के नाम पर विदेशी डिग्रियां बेच रही हैं. वे अखबारों, सोशल मीडिया और टीवी जैसे माध्यमों से जोरदार प्रचार करती हैं और छात्रों को यह विश्वास दिलाती हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय डिग्री हासिल कर सकते हैं – वह भी घर बैठे. लेकिन यूजीसी ने साफ किया है कि ऐसे कोर्सेज और डिग्रियां मान्य नहीं हैं और इनसे छात्र केवल धोखा खा सकते हैं.

दाखिला लेने से पहले सावधानी जरूरी
यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी है कि वे किसी भी कोर्स में दाखिला लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह विदेशी संस्था यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं. कोई भी कोर्स, जो बिना मान्यता प्राप्त विदेशी संस्थान के साथ साझेदारी में चल रहा हो, पूरी तरह अवैध माना जाएगा. छात्रों को यह भी कहा गया है कि किसी भी विज्ञापन या प्रचार सामग्री पर आंख बंद करके भरोसा न करें. इसके बजाय यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची और दिशा-निर्देश ज़रूर जांचें.

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28 July 2025, 08:22 PM IST

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