उत्तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके, लोग निकले घरों से बाहर, पिछले 6 दिनों में 9वां झटका
भूगर्भशास्त्रियों का मानना है कि लगातार आने वाले छोटे-छोटे झटके बड़े भूकंप की संभावना को कम कर सकते हैं, लेकिन यह बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकता है। उत्तरकाशी भूकंप-प्रवण क्षेत्र में आता है और 1991 में यहां 6.8 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिससे व्यापक विनाश हुआ था। विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भूकंप के दौरान घबराने की बजाय खुले स्थानों पर चले जाना चाहिए और मजबूत संरचनाओं से दूर रहना चाहिए। प्रशासन भूकंप की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर भी विचार कर रहा है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.07 मापी गई है। पिछले 6 दिनों में यह नौवां भूकंप है, जिससे इलाके के लोगों में डर का माहौल है। हालाँकि, किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के कारण लोगों में भय का माहौल है।
लोगो में डर का माहौल
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.07 मापी गई है। पिछले 6 दिनों में यह नौवां भूकंप है, जिससे इलाके के लोगों में डर का माहौल है। हालाँकि, किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के कारण लोगों में भय का माहौल है।
घरों से बाहर रहने लगे लोग
पिछले छह दिनों से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से उत्तरकाशी के लोग भयभीत हैं। इससे पहले 24 और 25 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र से मलबा और चट्टान गिरने की घटनाएं सामने आईं। इन झटकों की तीव्रता क्रमशः 3.0 और 2.0 मापी गई। लगातार आ रहे झटकों से स्थानीय लोग डरे हुए हैं। कई लोग अपने घरों से बाहर रहने लगे हैं, जबकि कुछ लोग भूकंप से सुरक्षा के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर रख रहा है और भूकंप के प्रभावों का आकलन कर रहा है।


