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फर्जी वोटरों की छुट्टी तय, ECI पूरे देश में करेगा वोटर लिस्ट की गहन समीक्षा, पढ़ें EC आदेश में और क्या-क्या?

भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में वोटर लिस्ट की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक निर्णायक कदम उठाया है। बिहार में शुरू किए गए ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (Special Intensive Revision - SIR) अभियान को अब राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा. आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है मृत, फर्जी, दोहरे, और गैर-योग्य मतदाताओं को सूची से हटाकर लोकतंत्र की अखंडता को बनाए रखना. यह कदम संविधान के अनुरूप लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. बिहार में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया शुरू करने के बाद अब आयोग ने इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है. आयोग का कहना है कि यह पहल संविधान के अनुरूप लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करेगी और मतदाता सूची की अखंडता बनाए रखेगी.

चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी आदेश में कहा है कि यह निर्णय मृत, पलायन कर चुके, फर्जी, दोहरे या विदेशी मतदाताओं को सूची से हटाने के उद्देश्य से लिया गया है. SIR के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ पात्र नागरिक ही मतदाता सूची में बने रहें और चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष व पारदर्शी बनी रहे.

क्या है 'Special Intensive Revision' (SIR)?

'विशेष गहन पुनरीक्षण' एक प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूचियों की व्यापक समीक्षा की जाती है. इसमें मृतक मतदाताओं, दो स्थानों पर पंजीकृत वोटरों, स्थायी रूप से पलायन कर चुके लोगों और फर्जी नामों को हटाया जाता है. साथ ही, नए योग्य मतदाताओं को जोड़ने का काम भी किया जाता है.

पूरे देश में होगा SIR, शेड्यूल जल्द

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR की प्रक्रिया अब सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगी. आयोग ने आदेश में कहा कि आयोग ने वोटर लिस्ट की अखंडता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक जनादेश के तहत अब पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है. शेष राज्यों के लिए SIR की समय-सारणी जल्द ही जारी की जाएगी.

SIR को लेकर उठे सवालों पर चुनाव आयोग का जवाब

हाल ही में SIR को लेकर उठे विरोध और आलोचनाओं के जवाब में आयोग ने तीखा रुख अपनाया. आयोग ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया किसी भी राजनीतिक दबाव या भ्रम का शिकार नहीं होगी. आयोग ने कहा कि भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है... तो क्या इन बातों से डरकर, निर्वाचन आयोग को कुछ लोगों के बहकावे में आकर, संविधान के खिलाफ जाकर, पहले बिहार में, फिर पूरे देश में, मृतक मतदाताओं, स्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाताओं, दो स्थानों पर वोट दर्ज कराने वाले मतदाताओं, फर्जी मतदाताओं या विदेशी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने का रास्ता बनाना चाहिए?

लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में बड़ा कदम

चुनाव आयोग के इस कदम को लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. आयोग का मानना है कि SIR जैसे कदम न केवल चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाते हैं, बल्कि जनता के विश्वास को भी बनाए रखते हैं. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि SIR का उद्देश्य किसी समूह विशेष को निशाना बनाना नहीं, बल्कि मतदाता सूची को शुद्ध और निष्पक्ष बनाना है.

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25 July 2025, 12:03 PM IST

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