पहले आयात पर लगाया बैन और अब बंदरगाहों पर पाकिस्तानी जहाजों की एंट्री बंद...पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारत
पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई निर्णायक कदम उठाए हैं. इनमें समुद्री और डाक सेवाओं पर प्रतिबंध, अटारी सीमा बंद करना, सिंधु जल संधि निलंबन और राजनयिक संबंधों में कटौती जैसे निर्णय शामिल हैं. भारत ने साफ कर दिया है कि अब आतंक के हर वार का जवाब दृढ़ता से दिया जाएगा, चाहे वह आर्थिक हो, कूटनीतिक हो या सैन्य.

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए समुद्री और डाक सेवाओं समेत कई क्षेत्रों में संबंध पूरी तरह तोड़ने का फैसला किया है. केंद्र सरकार के नए निर्देशों के अनुसार, अब पाकिस्तान के झंडे वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश नहीं मिलेगा और भारत के जहाज भी पाकिस्तानी बंदरगाहों की ओर रुख नहीं करेंगे. यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और आतंकी गतिविधियों के जवाब में उठाया गया है.
डाक और पार्सल सेवाएं पूरी तरह निलंबित
संचार मंत्रालय के अधीन आने वाले डाक विभाग ने पाकिस्तान से आने वाले सभी मेल और पार्सल सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है. यह निर्णय 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में लिया गया है, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी श्रेणी की इनबाउंड मेल सेवा पाकिस्तान से नहीं चलेगी.
प्रधानमंत्री की हाईलेवल मीटिंग में बड़ा फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में साफ किया कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों को हमले का जवाब देने के लिए "पूर्ण अभियानिक स्वतंत्रता" दी गई है. इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद को करारा जवाब देना अब राष्ट्रीय संकल्प है. इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिनमें अटारी सीमा को बंद करना, सिंधु जल संधि को निलंबित करना और राजनयिक संबंधों में कटौती करना शामिल है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का रुख
पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया स्वरूप भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और भारत के साथ सभी प्रकार का व्यापार स्थगित कर दिया, जिसमें तीसरे देशों के रास्ते से होने वाला व्यापार भी शामिल है. साथ ही, पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि को रद्द करने के भारत के कदम को "युद्ध की कार्यवाही" के रूप में देखते हुए विरोध जताया है.
भारत-पाक व्यापार पर प्रभाव सीमित
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, इस प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान से भारत का आयात शून्य हो जाएगा, जो फिलहाल लगभग 0.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक सीमित था. उनके अनुसार, भारत को पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की कोई खास जरूरत नहीं है, सिवाय गुलाबी सेंधा नमक जैसी कुछ विशिष्ट वस्तुओं के.
व्यापार पहले से ही लगभग ठप
श्रीवास्तव ने बताया कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर 200% टैरिफ लगा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग बंद हो गया था. अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच यह आयात और भी घटकर 0.42 मिलियन डॉलर रह गया था.
भारत की पाकिस्तान को अब भी ज़रूरत
GTRI का यह भी कहना है कि जहां भारत पाकिस्तानी उत्पादों पर निर्भर नहीं है, वहीं पाकिस्तान को भारतीय उत्पादों की आवश्यकता अब भी बनी हुई है. इसलिए पाकिस्तान तीसरे देशों जैसे दुबई, कोलंबो और सिंगापुर के जरिए भारतीय सामान प्राप्त करता रहेगा.
क्या-क्या सामानों का हुआ आदान-प्रदान?
इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के आंकड़ों के अनुसार, भारत पाकिस्तान से तांबा, मेवे, कपास, नमक, कार्बनिक रसायन और खनिज ईंधन जैसी वस्तुएं आयात करता था. वहीं भारत से पाकिस्तान को कपास, जैविक रसायन, डेयरी उत्पाद, मसाले, चाय, कॉफी, औषधियां आदि निर्यात किए जाते थे.
SAARC वीजा छूट और ICP भी निलंबित
भारत सरकार ने अन्य कड़े कदमों में SAARC वीज़ा छूट योजना को रोक दिया है और पाक नागरिकों को 40 घंटे में देश छोड़ने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा अटारी सीमा पर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को भी बंद कर दिया गया है. यह फैसला भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाया जा सके.


