28 जुलाई से ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में शुरू होगी महाबहस, 16 घंटे तक होगी चर्चा, जानें क्या है सरकार की तैयारी
29 जुलाई को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष बहस होगी. सरकार ने 16-16 घंटे का समय तय किया है. विपक्ष ने समय पूर्व चर्चा की मांग की थी. ट्रंप के बयान से विवाद और बढ़ा. सरकार पूरी तैयारी में है और चर्चा कारगिल विजय दिवस के बाद हो रही है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री संबोधित कर सकते हैं.

29 जुलाई को संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक बड़ी राजनीतिक बहस होने जा रही है. सरकार ने इस चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे का विशेष समय निर्धारित किया है. यह बहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन के साथ शुरू होने की संभावना है.
विपक्ष की मांग
विपक्षी दल लंबे समय से ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत जानकारी मांगते आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया था कि यह बहस 29 जुलाई के बजाय 25 जुलाई से ही शुरू की जाए, लेकिन सरकार ने प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा का हवाला देकर चर्चा की तिथि आगे बढ़ा दी. चर्चा की शुरुआत 29 जुलाई को लोकसभा में होगी और इसके अगले दिन राज्यसभा में.
ट्रंप के बयान से बढ़ा विवाद
इस बहस को और अधिक तीखा बनाने वाला एक बयान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रहा, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उन्हीं की मध्यस्थता का परिणाम था. विपक्ष ने इस पर सरकार से जवाब मांगा और प्रधानमंत्री से स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग की.
बहस के लिए रणनीतिक तैयारी
सरकार भी इस बहस को लेकर पूरी तरह सतर्क और आक्रामक रुख अपनाने को तैयार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ कई अहम बैठकें की हैं ताकि सरकार का पक्ष सटीक और तथ्यात्मक रूप से प्रस्तुत किया जा सके.
कारगिल विजय दिवस के बाद का समय चुना गया
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) के तुरंत बाद हो रही है. इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस अभियान को देश की सैन्य शक्ति और गौरव के प्रतीक के रूप में पेश करना चाहती है. इससे देशभक्ति की भावना को भी राजनीतिक रूप से साधने की रणनीति नजर आती है.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू किया गया था. यह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रतिशोध के रूप में किया गया सैन्य अभियान था. इसमें पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सैन्य कार्रवाई को "विजय उत्सव" कहकर संबोधित किया था. मात्र 22 मिनट में संपन्न हुए इस ऑपरेशन को पूर्ण रूप से सफल बताया गया.
सरकार ने कहा- पूरी जानकारी साझा करेंगे
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार देश से जुड़ी किसी भी अहम जानकारी को साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में ऐसे विषयों पर रचनात्मक संवाद की आवश्यकता बताई. रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, "हम चाहते हैं कि संसद सुचारू रूप से चले और विपक्ष सहयोग करे ताकि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके."


